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मोदी सरकार शशि थरूर को  दे सकती है संसदीय पैनल का नेतृत्व

दल करेगा वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूत

Published on: May 16, 2025
By: BTI
Location: New Delhi, India

 केंद्र सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के पक्ष को वैश्विक मंचों पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार विदेश मामलों में एक संसदीय पैनल के गठन की योजना बना रही है, जो विभिन्न देशों का दौरा कर पाकिस्तान के आतंकवादी कृत्यों को उजागर करेगा और भारत की जवाबी कार्रवाइयों, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दुनिया के सामने रखेगा। इस पैनल का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को सौंपे जाने की संभावना है, जो वर्तमान में संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष भी हैं।

Barbarika Truth News India-image= May 17, 2025

पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कूटनीतिक रणनीति
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के कई शीर्ष आतंकी मारे गए। इस कार्रवाई के बाद भारत अब वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवादी समर्थन के खिलाफ जागरूक करने के लिए एक आक्रामक कूटनीतिक अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके तहत 22 मई से 10 दिनों तक 5-6 सांसदों के कई प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजे जाएंगे, जिनमें प्रत्येक दल के साथ विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी और एक सरकारी प्रतिनिधि शामिल होगा।

शशि थरूर को क्यों चुना गया?
शशि थरूर, जो संयुक्त राष्ट्र में 29 वर्षों तक सेवा दे चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं, को इस पैनल का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सरकार विशेष रूप से चाहती है कि थरूर अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें। उनकी कूटनीतिक अनुभव और प्रभावी संवाद क्षमता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, थरूर ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने से पहले कांग्रेस नेतृत्व से परामर्श करने की बात कही है।

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कांग्रेस के भीतर मतभेद
इस प्रस्ताव ने कांग्रेस के भीतर कुछ विवाद भी पैदा किया है। थरूर के हालिया बयानों, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और केंद्र सरकार की विदेश नीति की तारीफ में, पार्टी के कुछ नेताओं ने असहजता जताई है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कुछ नेताओं का मानना है कि थरूर ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर अपनी व्यक्तिगत राय देकर ‘लक्ष्मण रेखा’ पार की है। इसके बावजूद, थरूर के अंतरराष्ट्रीय अनुभव और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी नेतृत्व इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने पर विचार कर रहा है।

वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष
इस पैनल का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकवादी समर्थन को बेनकाब करना और भारत की संयमित, लेकिन दृढ़ जवाबी कार्रवाइयों को उजागर करना होगा। थरूर के नेतृत्व में यह पैनल विशेष रूप से अमेरिका, यूरोप और अन्य प्रमुख देशों में भारत की स्थिति को मजबूत करने पर ध्यान देगा। इस अभियान में अन्य दलों के सांसद, जैसे असदुद्दीन ओवैसी और मनीष तिवारी, भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि बाकी है।

Barbarika Truth News India-image= May 17, 2025

सरकार का रुख
केंद्र सरकार ने अभी तक इस योजना पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस संबंध में बात की है। सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय हितों के लिए विपक्षी नेताओं की विशेषज्ञता का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष
यह कदम भारत की कूटनीतिक रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकता है, जहां विपक्ष और सत्ता पक्ष मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर एकजुटता दिखाएंगे। शशि थरूर जैसे अनुभवी नेता के नेतृत्व में यह पैनल न केवल पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पक्ष को मजबूती से रखेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय में भारत की छवि को और सशक्त करेगा।

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Chhattisgarh Labour Board Grants ₹3 Lakh Aid to Worker Battling Silicosis

In a compassionate initiative by the Chhattisgarh Labour Welfare Board, a financial aid of ₹3 lakh was granted to Prakash Tandon, a worker suffering from silicosis. The aid was delivered personally by Board Chairman Yogeshdutt Mishra at a village-level event in Bithiya, emphasizing the board's commitment to the health and welfare of laborers across the state. The move is part of the board's broader effort to reach vulnerable workers through its 14 welfare schemes.

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को लेकर सीधे लगाई प्रश्नों की झड़ी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के संदर्भ में संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सलाह मांगते हुए 14 महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। इनमें सबसे प्रमुख सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट कार्यपालिका—जैसे राज्यपाल और राष्ट्रपति—को विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्देश दे सकता है। इस मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्र सरकार ने भी आपत्ति जताई है, जिससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। यह मामला अब संविधान में शक्तियों के संतुलन को स्पष्ट करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

राशन कार्ड अपडेट नहीं तो उसका लाभ भी नहीं

राशन कार्ड धारकों के लिए E-KYC कराना अब अनिवार्य हो गया है। सरकार ने यह कदम फर्जी कार्ड और गलत सब्सिडी वितरण को रोकने के लिए उठाया है। निर्धारित समयसीमा में E-KYC पूरी न करने पर राशन कार्ड ब्लॉक या रद्द हो सकते हैं, जिससे सब्सिडी वाला अनाज मिलना बंद हो जाएगा। जन सेवा केंद्र या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

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