आपातकाल स्मृति दिवस पर रायपुर में आयोजित भव्य समारोह में लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को किया गया याद
Published on: June 27, 2025
By: BTNI
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित आपातकाल स्मृति दिवस के अवसर पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया। इस भावपूर्ण समारोह में उन्होंने लोकतंत्र के उन नायकों को नमन किया, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के दौरान यातनाएं, अपमान और जेल की सलाखों के पीछे समय बिताकर देश की आजादी और संविधान की रक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा, “लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है। आज हम जिस आजादी का आनंद ले रहे हैं, उसकी कीमत उन लोकतंत्र सेनानियों ने अपने बलिदान और संघर्ष से चुकाई है। इनके संघर्ष को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने 25 जून 1975 को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन बताते हुए उस दौर की क्रूरता को याद किया, जब हजारों लोगों को बिना अपराध के जेल में डाल दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सच्चिदानंद उपासने द्वारा लिखित पुस्तक ‘वो 21 महीने: आपातकाल’ का विमोचन भी किया। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके स्वर्गीय बड़े पिताजी श्री नरहरि प्रसाद साय भी आपातकाल के दौरान 19 महीने तक जेल में रहे थे। “उनके द्वारा सुनाए गए किस्से आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं। लोकतंत्र सेनानियों को बेड़ियों में जकड़कर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं, जो स्वतंत्र भारत में अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की याद दिलाती हैं,” उन्होंने भावुक होकर कहा।
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कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिवारों को दी जा रही सम्मान राशि का उल्लेख करते हुए श्री साय ने कहा कि यह राशि 10,000 से 25,000 रुपये प्रतिमाह तक प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने न केवल इस योजना को पुनः शुरू किया, बल्कि पिछले पांच वर्षों की बकाया राशि का भुगतान भी किया। साथ ही, लोकतंत्र सेनानियों की अंत्येष्टि को राजकीय सम्मान के साथ करने और उनके परिजनों को 25,000 रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है।
इस समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, विधायक श्री मोतीलाल साहू, और लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिवाकर तिवारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने युवाओं से आग्रह किया कि वे आपातकाल के इतिहास को पढ़ें और समझें, ताकि लोकतंत्र और संविधान के महत्व को आत्मसात कर सकें।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित एक विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शनी नई पीढ़ी को आपातकाल के दमनकारी नीतियों और मानवाधिकारों के हनन की स्मृति को जीवित रखने में सहायक होगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इसे लोकतंत्र के प्रहरियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि करार दिया।
यह आयोजन न केवल लोकतंत्र सेनानियों के प्रति सम्मान का प्रतीक था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी बना, जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क और सक्रिय रहने का संदेश देता है।