प्रज्ञागिरी पहाड़ी के फार्महाउस में योग की आड़ में नशे का कारोबार, पुलिस ने 2 किलो गांजा और आपत्तिजनक सामग्री के साथ बाबा को दबोचा
Published on: June 26, 2025
By: [BTNI]
Location: Dongargarh, India
छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी डोंगरगढ़ में एक सनसनीखेज मामले ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास एक फार्महाउस में संचालित तथाकथित योगाश्रम में योग और साधना की आड़ में गांजा बेचने वाले कथित योगी बाबा को डोंगरगढ़ पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी, जिसकी पहचान तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू उर्फ जटाधारी बाबा (45 वर्ष) के रूप में हुई है, ने योग के नाम पर न केवल नशे का कारोबार चलाया, बल्कि युवाओं को इस दलदल में धकेलने का घृणित कार्य भी किया।
पुलिस को स्थानीय लोगों और गुप्त सूचना के आधार पर जानकारी मिली थी कि प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास बने इस फार्महाउस में हर रात असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है। 24 जून 2025 को डोंगरगढ़ पुलिस ने SDOP आशीष कुंजाम के नेतृत्व में छापेमारी की, जिसमें फार्महाउस के बरामदे में रखे दीवान से 1.993 किलोग्राम गांजा (लगभग ₹20,000 की कीमत), चिलम, सेक्स टॉय, नशीली गोलियां, वियाग्रा टैबलेट, इंजेक्शन और विदेश से मंगवाए गए संदिग्ध बॉक्स बरामद हुए। पुलिस ने आश्रम को सील कर दिया और निर्माण कार्य को भी रोक दिया।

आरोपी तरुण अग्रवाल ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह पिछले 20 वर्षों से गोवा में रहकर विदेशी पर्यटकों को योग और ध्यान सिखाने का दावा करता था। उसने 100 से अधिक देशों की यात्रा करने और 10 से अधिक NGO के डायरेक्टर होने का दावा भी किया। डेढ़ साल पहले उसने डोंगरगढ़ में 6 करोड़ रुपये की जमीन खरीदकर गोवा की तर्ज पर एक ‘हेरिटेज योग सेंटर’ बनाने की शुरुआत की थी, लेकिन वास्तव में यह नशे और अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बन गया था।
डोंगरगढ़ पुलिस के SDOP आशीष कुंजाम ने बताया, “लंबे समय से इस फार्महाउस पर संदिग्ध गतिविधियों की शिकायतें मिल रही थीं। छापेमारी में बरामद सामग्री ने बाबा के पाखंड को उजागर कर दिया। हम उसके NGO नेटवर्क, विदेशी संपर्कों और संभावित अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क की गहन जांच कर रहे हैं।” पुलिस ने NDPS एक्ट की धारा 20(ख) के तहत मामला दर्ज कर बाबा को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे हिरासत में भेज दिया गया।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश है, क्योंकि डोंगरगढ़ माँ बमलेश्वरी मंदिर के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां लाखों श्रद्धालु आस्था के साथ आते हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऐसे पाखंडी बाबा हमारी पवित्र नगरी की छवि को धूमिल कर रहे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से ऐसे तत्वों को सबक मिलेगा।” सोशल मीडिया पर भी इस घटना की व्यापक चर्चा है, जहां लोग बाबा के काले कारनामों की निंदा कर रहे हैं।
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पुलिस अब बरामद वीडियो उपकरणों और विदेशी बॉक्स की साइबर सेल के माध्यम से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह नेटवर्क व्यापक स्तर पर संचालित हो रहा था। यह घटना न केवल डोंगरगढ़ की आध्यात्मिक छवि पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी चेतावनी देती है कि पवित्रता की आड़ में पाखंड और अपराध को समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।
डोंगरगढ़ पुलिस की इस त्वरित और साहसिक कार्रवाई ने नशे के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत संदेश दिया है। यह कदम न केवल स्थानीय युवाओं को नशे के जाल से बचाने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि पवित्र प्रज्ञागिरी पहाड़ी का आध्यात्मिक महत्व अक्षुण्ण रहे।