दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज के निर्माण में प्रोफेसर माधवी लता का उल्लेखनीय योगदान, तकनीकी विशेषज्ञता और धैर्य की मिसाल बनीं
Published on: June 09, 2025
By: BTNI
Location: Jammu, India
जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना चिनाब रेलवे ब्रिज, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज माना जाता है, एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। इसकी ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी 35 मीटर अधिक है। इस मेगा प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने में प्रोफेसर जी. माधवी लता, एक महिला जियोटेक्निकल इंजीनियर, ने 17 साल तक अथक मेहनत की। बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की प्रोफेसर माधवी लता ने इस ब्रिज के निर्माण में तकनीकी सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

माधवी लता का योगदान
2003 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में माधवी लता ने 2005 से अफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ मिलकर काम शुरू किया। उनकी विशेषज्ञता जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में थी, जो इस प्रोजेक्ट के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी। चिनाब ब्रिज का निर्माण हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों और अस्थिर भू-भाग पर किया गया, जहां भूकंप और तेज हवाओं का खतरा हमेशा बना रहता था। माधवी ने रॉक एंकरिंग, स्लोप स्टेबिलाइजेशन, और फाउंडेशन डिजाइन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर इस प्रोजेक्ट को सफल बनाया।
उन्होंने “डिजाइन-एज-यू-गो” रणनीति अपनाई, जिसमें निर्माण के दौरान सामने आने वाली भूगर्भीय चुनौतियों, जैसे टूटी चटOg टेक्नोलॉजी (JNTU) से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक., नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT), वारंगल से जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में एम.टेक. (गोल्ड मेडलिस्ट), और IIT मद्रास से पीएचडी पूरी की। उनकी उपलब्धियों में 2021 में इंडियन जियोटेक्निकल सोसाइटी द्वारा बेस्ट वुमन जियोटेक्निकल रिसर्चर अवॉर्ड और 2022 में भारत की टॉप 75 वीमेन इन STEAM में शामिल होना शामिल है।
चिनाब ब्रिज की खासियतें
ऊंचाई: 359 मीटर (एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा)
लंबाई: 1.3 किलोमीटर
लागत: 1,486 करोड़ रुपये
विशेषता: भूकंप और 220 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हवाओं को झेलने में सक्षम
उद्घाटन: 6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
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महिलाओं के लिए प्रेरणा
प्रोफेसर माधवी लता की कहानी न केवल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से असंभव को भी संभव किया जा सकता है। उनकी 17 साल की मेहनत ने न केवल चिनाब ब्रिज को हकीकत में बदला, बल्कि यह भी दिखाया कि महिलाएं विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कितना बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
निष्कर्ष
चिनाब ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक है, और प्रोफेसर माधवी लता का योगदात नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। उनकी तकनीकी दक्षता, धैर्य, और समर्पण ने इस असाधारण संरचना को संभव बनाया, जो जम्मू-कश्मीर में रेल कनेक्टिविटी को नए आयाम देगा।