पूर्व मंत्री महेश जोशी गिरफ्तार
मध्यस्थ संजय बडाया, ठेकेदार महेश मित्तल, पीयूष जैन और पदम चंद जैन सहित कई लोगों को गिरफ्तार
कई और पर शिकंजा
Published on: May 28, 2025
By: [BTNI]
Location: Jaipur, India
राजस्थान में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना में कथित तौर पर 900 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में पेयजल विभाग के मंत्री रहे डॉ. महेश जोशी को 24 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने जोशी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जेजेएम के ठेकेदारों से टेंडर राशि का 2-3% हिस्सा रिश्वत के रूप में लिया।

जल जीवन मिशन, जिसका उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल से जल पहुंचाना था, राजस्थान में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विवादों में घिर गया है। ईडी की जांच में सामने आया है कि फर्जी टेंडर और जाली प्रमाणपत्रों के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये का गबन किया गया। अब तक इस मामले में मध्यस्थ संजय बडाया, ठेकेदार महेश मित्तल, पीयूष जैन और पदम चंद जैन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हाल ही में, 23 मई 2025 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के साथ एक अनौपचारिक बैठक में सांसदों ने राजस्थान में इस घोटाले की गहन जांच की मांग उठाई। सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्र से इस मामले की निगरानी और सीबीआई जांच की मांग की। इसके जवाब में, सरकार ने जेजेएम योजनाओं की जांच के लिए 100 केंद्रीय नोडल अधिकारियों की टीमें गठित की हैं, जो देश भर के 183 योजनाओं का निरीक्षण करेंगी, जिनमें राजस्थान की 21 योजनाएं शामिल हैं।
ईडी की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी की भी इस घोटाले में संलिप्तता की जांच हो रही है। इसके अलावा, राजस्थान विधानसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। कांग्रेस विधायक हाकम अली खान ने पाइपलाइन बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए जवाबदेही की मांग की, जिसके जवाब में पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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जल शक्ति मंत्रालय ने योजना की लागत में भारी वृद्धि पर भी सवाल उठाए हैं। 2019 में प्रति नल कनेक्शन की लागत 30,000 रुपये थी, जो अब बढ़कर 1,37,500 रुपये हो गई है। वित्त मंत्रालय ने इस वृद्धि को जायज ठहराने को कहा है। दूसरी ओर, राजस्थान में केवल 56% घरों तक जेजेएम का पानी पहुंचा है, और 47 लाख घर अभी भी इस सुविधा से वंचित हैं।
जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान में पानी की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने 5,830 करोड़ रुपये की योजनाओं की घोषणा की है। हालांकि, भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनता में नाराजगी बढ़ रही है।
यह घोटाला न केवल राजस्थान बल्कि अन्य राज्यों में भी जेजेएम की प्रगति पर सवाल उठा रहा है। केंद्र सरकार ने 12 राज्यों में अनियमितताओं के लिए 256 अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है और 26,455 विभागीय कार्रवाइयां की गई हैं। इस मामले में आगे की जांच से और बड़े खुलासे होने की संभावना है।