साहस और नेतृत्व का अपूरणीय बलिदान
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम ने बोर तालाब के पास मुठभेड़ की, जहां टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर शर्मा को गंभीर घातक चोटें आईं; अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु
Published on: November 20, 2025
By: BTNI
Location: रायपुर / बोर तालाब, India
मध्यप्रदेश की एलीट एंटी-नक्सल इकाई Hawk Force के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा बुधवार सुबह एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए। यह ऑपरेशन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की पुलिस इकाइयों के बीच त्रि-राज्य सीमावर्ती जंगलों में बोर तालाब के पास चलाया गया था।
डीजी (एंटी-माओवाद ऑपरेशन) पंकज श्रीवास्तव के अनुसार सूचना मिलने के बाद टीम जंगल में घुसी और नक्सलियों द्वारा घात लगाकर फायरिंग की गई। इंस्पेक्टर शर्मा, जो मोर्चे पर नेतृत्व कर रहे थे, जांघ और पेट में गंभीर गोलियाँ लगने के बाद घायल हो गए।
उन्हें तुरंत छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ (रजनांदगांव) के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक थी। एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी हुई थी, लेकिन असिस्टेंस के बावजूद उन्होंने अपनी जान गंवा दी।
पृष्ठभूमि और वीरता —–
इंस्पेक्टर शर्मा बागलहट (MP) की Hawk Force में तैनात थे और उन्हें दो बार वीरता पदक (गॉलंट्री मेडल) से सम्मानित किया गया था।
इस साल फरवरी में उन्होंने रौंदा जंगलों में एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन का नेतृत्व किया था, जिसमें तीन महिला नक्सल कमांडर मारे गए थे। इसी मिशन की वजह से उन्हें “आउट-ऑफ-टर्न” प्रमोशन भी मिला था।
उनके साथियों के मुताबिक, शर्मा “शांति के समय में मिलनसार और संघर्ष की घड़ी में निडर” अधिकारी थे।
वह मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बोहानी गाँव से थे।
उनकी शादी जनवरी 2026 में होने वाली थी, लेकिन यह “जीवन-यात्रा अधूरी” रह गई।
ऑपरेशन की स्थिति और आगे की कार्रवाई
ऑपरेशन उस इलाके में चलाया गया था जहाँ 13–15 heavily-armed सशस्त्र नक्सलियों की गतिविधि की सूचना थी।
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। डीजी श्रीवास्तव ने बताया कि तलाशी के दौरान खून के निशान, बैकपैक्स और अन्य सामग्री मिली है, जो संकेत देती है कि नक्सलियों को भारी क्षति पहुंची हो सकती है।
स्थानीय पुलिस और नक्सल-विरोधी बलों के बीच त्रि-राज्य समन्वय को और मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। वरिष्ठ अधिकारी इस तरह के संयुक्त अभियानों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं।
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राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ —-
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया (X) पर इंस्पेक्टर शर्मा को “अपार साहस और अदम्य प्रतिबद्धता” वाला अधिकारी बताया और उनकी शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया।
पुलिस कमांड में उनकी क्षति को एक “महत्वपूर्ण Blow” कहा जा रहा है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि उनकी शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा — नक्सलवाद के खिलाफ जारी अभियान और “राष्ट्रीय अभियान” को और तीव्रता दी जाएगी।
सम्मान और विरासत —–
इंस्पेक्टर आशीष शर्मा का बलिदान न सिर्फ़ उनके परिवार या साथी जवानों के लिए, बल्कि पूरे नक्सल-विरोधी अभियान के लिए प्रेरणा बनेगा।
उनकी बहादुरी, नेतृत्व कौशल और पराक्रम भविष्य की नक्सल विरोधी रणनीति में “मापदंड” (benchmark) के रूप में याद किए जाएंगे।
उनकी पत्नी, परिवार और साथी अधिकारी इस क्षति को “राष्ट्रसेवा के उच्चतम मूल्य” की मिसाल के रूप में देखते हैं; उनकी शहादत जवानों के बीच एक गहरी गर्व की भावना पैदा करेगी।
इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की शहादत उस सिद्धांत का जीता-जागता उदाहरण है कि असली नेतृत्व मोर्चे पर खड़ा होना है, ख़तरे के बीच भी अपनी टीम को आगे ले जाना है और समर्पण के साथ जिम्मेदारियों को निभाना है। उनका त्याग न सिर्फ़ नक्सल विरोधी मोर्चे पर एक क्षति है, बल्कि उनके व्यक्तिगत संघर्ष और नैतिक बलिदान की गहराई को दर्शाता है।



