नया रायपुर देगा छत्तीसगढ़ के विकास को नई दिशा – आई आई एम
Published on: June 09, 2025
By: [BTNI]
Location: Raipur, India
नवा रायपुर में रविवार को दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर 2.0’ का उद्घाटन सत्र आयोजित हुआ। इस अनूठे आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की। यह शिविर छत्तीसगढ़ को ‘विकसित छत्तीसगढ़’ और भारत को ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व पर जोर
उद्घाटन सत्र में परिवर्तनकारी नेतृत्व, सुशासन, संस्कृति, और राष्ट्र निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-मंथन हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “चिंतन शिविर 2.0 नीति-निर्माण का सशक्त मंच है। यह प्रशिक्षण सत्र शासन को नई दिशा देगा और नीति-निर्माण की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएगा।” उन्होंने मंत्रियों को न केवल विभागीय प्रमुख, बल्कि विकास के साझेदार, परिवर्तन के प्रेरक और जिम्मेदार जनसेवक के रूप में कार्य करने का आह्वान किया।
विशेषज्ञों ने दी सुशासन की सीख
शिविर में देश भर के प्रख्यात विशेषज्ञों ने सुशासन, पारदर्शिता, डिजिटल प्रशासन, जनसेवा के लोकाचार, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्र निर्माण जैसे विषयों पर व्याख्यान दिए। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने “परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन” पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निःस्वार्थ कर्म और नैतिक प्रशासन पर जोर दिया। वहीं, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने “संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण” पर विचार साझा करते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। अंत्योदय, यानी समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को प्राथमिकता देना, सुशासन का मूल आधार है।”
विकसित भारत 2047 के लिए रणनीति
यह शिविर छत्तीसगढ़ के मंत्रियों को पिछले डेढ़ वर्ष के अनुभवों पर चिंतन करने और भविष्य की रणनीति तैयार करने का अवसर प्रदान करता है। प्रत्येक मंत्री ने अपने विभाग में किए गए नवाचारों, जनसेवा से सीखे गए सबक और भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत किया। विशेष सत्रों में ‘सेवा, संकल्प और सीख’ के मूल विषयों पर जोर दिया गया। इसके अलावा, “सुशासन से चुनाव तक” नामक एक विशेष सत्र में नीतिगत पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित में लिए गए निर्णयों पर चर्चा हुई।
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प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिली प्रेरणा
मुख्यमंत्री साय ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी बैठकों से प्राप्त मार्गदर्शन को साझा किया, ताकि केंद्र और राज्य सरकार की रणनीतियों में बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधनों, खनिज संपदा और पर्यटन क्षमता का संतुलित उपयोग कर राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा।
सुशासन वाटिका का शुभारंभ
शिविर के पहले दिन मुख्यमंत्री साय ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ आईआईएम परिसर में “सुशासन वाटिका” का शुभारंभ किया और पौधारोपण कर हरित और सुशासित छत्तीसगढ़ के संकल्प को दोहराया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “यह आयोजन छत्तीसगढ़ के विकास को गति देने और जनता के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
मंत्रियों का उत्साह, जनता का समर्थन
शिविर में शामिल मंत्रियों, जैसे कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने सक्रिय रूप से भाग लिया। मंत्रियों ने विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श में उत्साह दिखाया और छत्तीसगढ़ को विकसित बनाने की नीतियों पर चर्चा की।
सोशल मीडिया पर भी इस आयोजन को लेकर जनता का उत्साह देखने को मिला। कई लोगों ने इसे सुशासन और विकास की दिशा में एक अभिनव पहल बताया। एक यूजर ने लिखा, “चिंतन शिविर 2.0 छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”