आपरेशन सिंदूर के बाद भारत का बंगलादेशीयों घुसपैठियों पर जबरदस्त सख्ती
Published on: June 09, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बाद भारत सरकार अब देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ भी कड़ा रुख अपना रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर में घुसपैठियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने ईद के मौके पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 66 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा है, जिन्हें जल्द ही उनके देश वापस भेजा जाएगा।
दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने विशेष जांच अभियान के तहत नरेला और अन्य इलाकों में छापेमारी कर 66 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया। इन लोगों के पास वैध दस्तावेज नहीं थे, और जांच में पाया गया कि ये बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर यहां रह रहे थे। पुलिस ने इनके दस्तावेजों की गहन जांच की, जिसके बाद इन्हें निर्वासन के लिए तैयार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन घुसपैठियों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हवाले किया जाएगा, जो इन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पर अस्थायी शिविरों में रखकर बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपेगा।

ईद के मौके पर ‘तोहफा’
दिल्ली पुलिस के इस ऑपरेशन को सोशल मीडिया पर ‘ईद का तोहफा’ करार दिया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अवैध घुसपैठियों के खिलाफ यह कार्रवाई देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” पकड़े गए घुसपैठियों को बांग्लादेशी मुद्रा और बुनियादी सहायता प्रदान कर सीमा पार भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, ने न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि देश में अवैध गतिविधियों पर भी सख्ती बरतने का संदेश दिया। इस ऑपरेशन के बाद से भारत ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 से अब तक 2,500 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को सीमा पार वापस भेजा जा चुका है, जबकि लगभग इतने ही लोग डर के मारे स्वेच्छा से सीमा पर पहुंचकर वापस जा रहे हैं।
देशभर में तलाशी अभियान
दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों में भी अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया जोरों पर है। उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में 45 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की गई, जिन्हें देश से बाहर निकालने की तैयारी चल रही है। इसी तरह, गुजरात में जेसोर-बेनापोल सीमा के रास्ते 30 से अधिक घुसपैठिए पकड़े गए, जो फर्जी आधार कार्ड के सहारे अहमदाबाद तक पहुंच गए थे। असम में भी एक महिला के कथित अवैध निर्वासन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने इस मुद्दे की संवेदनशीलता को उजागर किया।
सरकार का सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत अब आतंकवाद और अवैध घुसपैठ के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सबसे बड़ी और सबसे सफल आतंक-विरोधी कार्रवाई करार देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सेना और सरकार ने दिखा दिया है कि भारत न तो आतंकवाद बर्दाश्त करेगा और न ही देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को।” गृह मंत्रालय के निर्देश पर सभी राज्यों में दस्तावेजों की सघन जांच और संदिग्धों की पहचान का अभियान चल रहा है।
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को लेकर जनता का समर्थन देखने को मिल रहा है। कई यूजर्स ने इसे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे ‘इस्लामोफोबिया’ करार देने वाली अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आलोचना की। एक यूजर ने लिखा, “भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां घुसपैठिए आकर बस जाएं। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है।” हालांकि, कुछ संगठनों ने निर्वासन प्रक्रिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन की आशंका जताई है, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज किया है।
आगे की रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने न केवल आतंकवाद, बल्कि अवैध घुसपैठ और भारत-विरोधी गतिविधियों पर भी कड़ा रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया को और तेज करें। साथ ही, भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की निगरानी को और सख्त किया गया है ताकि भविष्य में घुसपैठ की घटनाओं को रोका जा सके।
यह कार्रवाई न केवल भारत की सुरक्षा नीति को मजबूत करती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि देश अब किसी भी तरह की भारत-विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।