भोलेनाथ की भक्ति में डूबा शहर
Published on: August 05, 2025
By: BTNI
Location: Rajnandgaon, India
सावन मास के चौथे और अंतिम सोमवार को राजनंदगांव में भगवान भोलेनाथ की भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। नंदई क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कावड़ यात्रा का इस वर्ष के सावन माह में पड़ने वाले चारों सोमवार को भव्य व जोरदार स्वागत किया गया। कावड़ियों पर पुष्प वर्षा की गई और “बम बम भोले” व “हर हर महादेव” के मंत्रों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
नंदई चौक से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिवनाथ नदी से हर वर्ष कावड़िए पवित्र जल लेकर अपने-अपने क्षेत्रों के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। इस वर्ष भी हजारों कावड़ियों ने गेरुआ वस्त्रों में सड़कों पर भक्ति और उत्साह का अनूठा संगम प्रस्तुत किया। ढोल-नगाड़ों और भक्ति भजनों की धुनों पर नाचते-गाते कावड़ियों की टोलियां शहर को शिवमय बना रही थीं।
भाजपा नेताओं ने किया कावड़ियों का स्वागत

नंदई स्थित जिला भाजपा अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत के निवास के पास मुख्य मार्ग पर कावड़ियों का आत्मीय स्वागत किया गया। इस अवसर पर भाजपा ने हर सावन सोमवार की तरह इस बार भी भव्य आयोजन किया। पहले सावन सोमवार को सांसद संतोष पांडे अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके थे लेकिन पार्टी के अनेक नेता व कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए।
दूसरे सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और तीसरे सोमवार को पूर्व सांसद अभिषेक सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। चौथे और अंतिम सोमवार को महापौर व पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में कावड़ियों का उत्साहवर्धन किया और अनेक सहनेताओं के साथ कावड़ियों पर पुष्प वर्षा की।
नंदई चौक के बाद शहर कावड़ियों का एक समूह बसंतपुर रोड़ की कोर मुड़ जाता है और नंदी कुंआ चौक के बाद कावड़ियों का दल अपने-अपने गंतव्य की ओर मुड़ जाता है और कावड़ियों की लंबी कतारें अपने-अपने मोहल्लों और शिव मंदिरों की ओर बढ़ जाती है। गेरुआ वस्त्रों में सजे कावड़िए, भक्ति भजनों के साथ डीजे की धुनों पर थिरकते हुए, भोलेनाथ की भक्ति में लीन दिखे कावड़ियों को देखकर ऐसा लगता है कि हम किसी तीर्थ स्थल में है।
पालकी यात्रा और भक्ति का माहौल
सावन के इस पावन मास में विगत कुछ वर्षों से भोलेनाथ की पालकी निकालने की परंपरा राजनांदगांव संस्कारधानी में चल पड़ी है और इसमें शिव भक्तों का उत्साह व उमंग चरम पर देखी जाती है। सावन में शहर के लोगों को अब सावन के सोमवार का इंतजार रहता है ताकि सभी पालकी यात्रा का आनंद बार बार लें सके। आज चौथे व अंतिम सावन सोमवारको राजनंदगांव में पालकी यात्रा भी निकाली गई, जो शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरी।
नगर माता शीतला के माता देवाला के नाम से प्रसिद्ध शीतला मंदिर से यह यात्रा निकली जो शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए भरकापारा स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ काली मंदिर में विसर्जित हुई। इस यात्रा में महापौर मधुसूदन यादव, डी सी जैन,विजय हरिहारनो,कोमल सिंह राजपूत,वतन सिंह,शुभम तिवारी,राजा,नमिताभ जैन, विजय राय,रवि सिन्हा,गीतेश गुप्ता,राजा माखीजा,किसुन यदु,,सहित अनेक गणमान्य व शिव भक्त उपस्थित थे।स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह अल्पाहार, पेयजल की व्यवस्था की, जिसने इस आयोजन को और भव्य बना दिया।
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सात-आठ वर्षों से बढ़ रहा उत्साह --
पिछले सात-आठ वर्षों से राजनंदगांव में सावन सोमवार की कावड़ यात्रा का उत्साह लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाती है। इस वर्ष भी प्रशासन द्वारा सुरक्षा और यातायात के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए, जिससे कावड़ियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हुई।
अटल मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद शर्मा ने इस पर कहा कि विगत कुछ वर्षों से सावन का महीना संस्कारधानी के लिए विशेष हो गया है और चारों सोमवार को राजनंदगांव में भोलेनाथ की भक्ति का अनुपम दृश्य देखने को मिला। कावड़ यात्रा, पालकी यात्रा और भक्ति भजनों ने पूरे शहर को शिवमय कर दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समुदाय को एकजुट करने का भी एक सशक्त माध्यम बना।