दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में शुमार होगा श्रीकृष्ण-राधा का नया धाम, 2026 तक पूर्णता का लक्ष्य – भक्ति और वास्तुकला का अनुपम संगम
Published on: November 18, 2025
By: BTNI
Location: Vrindavan, India
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि वृन्दावन में अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON) का महत्वाकांक्षी 70 मंजिला स्काईस्क्रेपर मंदिर अब निर्माण के तेज चरण में है। ₹668 करोड़ की लागत से बनने वाला यह भव्य मंदिर विश्व के सबसे ऊंचे मंदिरों में शामिल होगा और वृन्दावन के क्षितिज को नई ऊंचाई प्रदान करेगा।मंदिर परिसर में 700 फीट ऊंची मुख्य संरचना के अलावा भक्तों के लिए आधुनिक सुविधाएं, विशाल प्रार्थना कक्ष, संग्रहालय, वेदिक लाइब्रेरी, गौशाला, ऑडिटोरियम और पार्किंग की बहु-स्तरीय व्यवस्था होगी। ISKCON के प्रवक्ता ने बताया कि मंदिर की नींव 2023 में रखी गई थी और अब तक 30% से अधिक निर्माण पूरा हो चुका है। 2026 तक पूरे परिसर को भक्तों के लिए खोलने का लक्ष्य है।
ISKCON के वैश्विक अध्यक्ष श्री राधानाथ स्वामी ने कहा, “यह मंदिर केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण की दिव्य लीला का जीवंत केंद्र बनेगा। यहां आने वाला हर भक्त प्रेम, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करेगा।” उन्होंने बताया कि मंदिर में 5,000 भक्त एक साथ प्रार्थना कर सकेंगे और प्रतिदिन 50,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की आवक की व्यवस्था होगी।परियोजना की विशेषताएं:मुख्य गुंबद: सोने की परत चढ़ा, 100 फीट व्यास वाला।

लिफ्ट सिस्टम: 20 हाई-स्पीड लिफ्ट, दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा।
पर्यावरण अनुकूल: सोलर पैनल, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, जीरो वेस्ट मैनेजमेंट।
सांस्कृतिक केंद्र: भागवत कथा हॉल, नृत्य-नाट्य अकादमी, वेदिक प्रदर्शनी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने परियोजना को ‘मेगा टूरिज्म प्रोजेक्ट’ का दर्जा दिया है और यमुना एक्सप्रेसवे से सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मंदिर निर्माण से 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है और पर्यटन को 30% तक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।वृन्दावन के संतों और निवासियों में उत्साह का माहौल है। एक स्थानीय भक्त ने कहा, “यह मंदिर वृन्दावन को वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी बनाएगा।
श्रीकृष्ण की कृपा से यह चमत्कार हो रहा है।”निर्माण की निगरानी विश्व प्रसिद्ध आर्किटेक्ट फर्म और वैदिक वास्तु विशेषज्ञ कर रहे हैं, ताकि मंदिर प्राचीन शास्त्रों और आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्भुत समन्वय बने।जैसे-जैसे मंदिर आकार ले रहा है, वृन्दावन की पावन धरती पर एक नया युग शुरू हो रहा है – जहां भक्ति आसमान छूएगी और कृष्ण प्रेम की सुगंध चारों दिशाओं में फैलेगी!
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