मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत उज्जैन से अयोध्या और काशी के लिए रवाना हुई विशेष ट्रेन, हजारों श्रद्धालुओं को मिलेगा पवित्र दर्शन का सौभाग्य
Published on: August 13, 2025
By: [BTNI]
Location: Ujjain, India
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उज्जैन से अयोध्या और काशी विश्वनाथ के लिए विशेष तीर्थ यात्रा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत शुरू की गई इस पहल से हजारों श्रद्धालुओं को भगवान राम और बाबा विश्वनाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। इस अवसर पर सीएम यादव ने कहा, “राम नाम लड्डू, गोपाल नाम घी, हरि नाम मिश्री, तू घोल-घोल पी। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से काशी और अयोध्या धाम तक दर्शन का अवसर जीवन का सबसे बड़ा आनंद है।”
तीर्थ यात्रा का पवित्र उद्देश्य
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, जो 2012 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी, मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इस योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के पात्र नागरिक, जो आयकरदाता नहीं हैं और शारीरिक-मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, पवित्र स्थलों के दर्शन के लिए विशेष रेल सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस बार उज्जैन से शुरू हुई ट्रेन अयोध्या में श्री राम मंदिर और काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ले जाएगी।
सीएम मोहन यादव का भावुक संदेश
उज्जैन, जिसे बाबा महाकाल की नगरी के रूप में जाना जाता है, से इस यात्रा का शुभारंभ करते हुए सीएम मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह यात्रा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक एकता और सनातन धर्म की महिमा का प्रतीक है। बाबा महाकाल के आशीर्वाद से शुरू होकर भगवान राम और काशी विश्वनाथ के दर्शन तक का यह सफर हर श्रद्धालु के लिए जीवन का अविस्मरणीय अनुभव होगा।
”यात्रा का कार्यक्रम और सुविधाएं
इस विशेष ट्रेन में यात्रियों के लिए भोजन, शुद्ध पेयजल, और तीर्थ स्थलों पर रुकने की व्यवस्था सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यह ट्रेन 13 अगस्त को अयोध्या और काशी के लिए रवाना हुई, और आने वाले दिनों में अन्य तीर्थ स्थलों जैसे तिरुपति, वैष्णो देवी, और कामाख्या मंदिर के लिए भी ट्रेनें चलेंगी। यात्रियों का चयन जिला कलेक्टर द्वारा लॉटरी सिस्टम के आधार पर किया जाता है, और 65 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों को अपने साथ एक सहायक ले जाने की अनुमति है।
उज्जैन और अयोध्या का ऐतिहासिक संबंध
सीएम यादव ने इस अवसर पर उज्जैन और अयोध्या के बीच प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि राजा विक्रमादित्य के शासनकाल में अयोध्या का जीर्णोद्धार हुआ था, और उज्जैन हमेशा से आध्यात्मिक केंद्र रहा है। पिछले वर्ष जनवरी 2024 में, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से 5 लाख लड्डू अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भेजे गए थे, जो दोनों शहरों के गहरे जुड़ाव का प्रतीक है।
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श्रद्धालुओं में उत्साह
यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने इस पहल के लिए मध्य प्रदेश सरकार और सीएम मोहन यादव का आभार व्यक्त किया। एक यात्री ने कहा, “महाकाल की नगरी से शुरू होकर रामलला और बाबा विश्वनाथ के दर्शन का मौका मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह यात्रा मेरे जीवन का सबसे पवित्र अनुभव होगी।” आध्यात्मिक भारत की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना न केवल धार्मिक यात्रा को प्रोत्साहित करती है, बल्कि देश की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करती है।
सीएम यादव ने कहा कि यह योजना मध्य प्रदेश के लोगों को देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों से जोड़ने का एक प्रयास है, जो सनातन धर्म की एकता और अखंडता का प्रतीक है। इस पहल के साथ, मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने का एक प्रयास भी है।