ईरान के मिसाइल हमले ने दिया सख्त संदेश
इजरायल की एयरस्ट्राइक में शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत के बाद ईरान ने दागी 200 से अधिक मिसाइलें, भारत ने शांति की अपील की, SCO ने इजरायल की निंदा की
Published on: June 16, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
मध्य पूर्व एक बार फिर हिंसा और टकराव की आग में झुलस रहा है। 13 जून को इजरायल ने एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन करते हुए ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के प्रमुख हुसैन सलामी और सेनाध्यक्ष जनरल मोहम्मद बाकेरी समेत 78 लोग मारे गए। इसके जवाब में, ईरान ने शनिवार को इजरायल पर 200 से अधिक मिसाइलें और सैकड़ों आत्मघाती ड्रोन दागे।
तेल अवीव, हाइफा और रमत गन जैसे शहरों पर हमले:
ईरान द्वारा किए गए इन मिसाइल और ड्रोन हमलों में इजरायल के कई महत्वपूर्ण शहरों को निशाना बनाया गया। तेल अवीव, रमत गन, ऋशोन लेजियन और हाइफा जैसे क्षेत्रों में मिसाइलें गिरीं। एक मिसाइल एक बहुमंजिला रिहायशी इमारत से टकराई, जो कि शहर के व्यस्त और लोकप्रिय इलाके में स्थित थी और इजरायली सेना के मुख्यालय के बेहद नजदीक मानी जाती है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों में अब तक कम से कम 7 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें इजरायली सेना के 7 जवान भी शामिल हैं।
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ईरान का सैन्य जवाब और IRGC की भूमिका:
ईरान की इस जवाबी कार्रवाई में IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) की केंद्रीय भूमिका रही। यह ईरान की सबसे शक्तिशाली सैन्य संस्था है, जिसके पास अपनी अलग थलसेना, नौसेना, वायुसेना, खुफिया एजेंसी और मिसाइल कार्यक्रम है। IRGC के तहत काम करने वाली कुद्स फोर्स ईरान के बाहर गुप्त सैन्य अभियानों को अंजाम देती है और हिजबुल्लाह, हमास, हौती विद्रोही जैसे संगठनों को रणनीतिक सहायता प्रदान करती है।
भारत और SCO की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने शुक्रवार और शनिवार को स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक बातचीत की सलाह दी। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत सभी पक्षों से आग्रह करता है कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे स्थिति और बिगड़े।”
वहीं, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने 14 जून को जारी बयान में इजरायल के हमले की कड़ी निंदा की। SCO ने कहा कि वह मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव से गंभीर रूप से चिंतित है। इस समय SCO की अध्यक्षता चीन के पास है और सदस्य देशों में भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान शामिल हैं।
ईरान की मिसाइल क्षमता और सुरक्षा विशेषज्ञों की राय:
ईरान के पास पश्चिम एशिया की सबसे बड़ी बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है। इसमें सेजिल, खैबर, हाज कासिम और शाहब जैसी मिसाइलें शामिल हैं, जिनकी रेंज 1,400 से 2,500 किलोमीटर तक है। ये मिसाइलें पूरे मध्य पूर्व में कहीं भी हमला करने में सक्षम हैं। ईरान ने दावा किया है कि उसके पास मोहाजेर-10 जैसे उन्नत ड्रोन हैं जो 24 घंटे तक उड़ सकते हैं और भारी विस्फोटक सामग्री ले जा सकते हैं।
2023 में ईरान ने अपने पहले स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल के निर्माण की घोषणा की थी, जो ध्वनि की गति से पांच गुना तेज होती है और वर्तमान मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए उसे पकड़ना कठिन होता है।
ईरान समर्थित “एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस”:
ईरान वर्षों से पूरे मध्य पूर्व में अपने सहयोगी समूहों का एक नेटवर्क बना रहा है जिसे “एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस” कहा जाता है। इसमें हमास (गाजा), हिजबुल्लाह (लेबनान), हौती (यमन), और कई इराकी एवं सीरियाई मिलिशिया शामिल हैं। इनका उद्देश्य क्षेत्र में अमेरिकी और इजरायली प्रभाव को चुनौती देना है।
परमाणु कार्यक्रम पर बढ़ती चिंता:
हाल ही में ईरान ने एक नए गुप्त यूरेनियम संवर्धन केंद्र के निर्माण की घोषणा की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता और बढ़ गई है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी (IAEA) ने भी कहा है कि ईरान अब अपनी परमाणु समझौतों का पालन नहीं कर रहा है। हालांकि, ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
निष्कर्ष:
मध्य पूर्व में बढ़ती यह जंग अब केवल दो देशों की नहीं रही, बल्कि वैश्विक संतुलन और रणनीतिक शक्ति प्रदर्शन का मंच बन चुकी है। ईरान की मिसाइल क्षमताएं और उसकी क्षेत्रीय रणनीति इस संघर्ष को खतरनाक मोड़ पर ले जा रही है। विश्व की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या कूटनीति इस संघर्ष को थाम पाएगी या फिर यह एक व्यापक युद्ध में तब्दील हो जाएगा।