प्रभु की कृपा भयउ सबु काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू’ – भावुक हुए पीएम, बोले; रामलला की बाल मूर्ति भारत की जागृत चेतना का स्वरूप
Published on: November 25, 2025
By: BTNI
Location: Ayodhya, India
अयोध्या की पावन नगरी आज एक बार फिर राममय हो उठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह दिव्य-भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर में नव्य रामलला के दर्शन किए और पूर्ण विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया। इस दौरान उनके चेहरे पर दिख रही भाव-विभोर मुद्रा और आंखों में छलकता आनंद लाखों रामभक्तों के हृदय तक पहुंच गया।सुबह सवा सात बजे जैसे ही प्रधानमंत्री का काफिला मंदिर परिसर में प्रवेश किया, पूरा वातावरण ‘जय श्री राम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा।
सफेद कुर्ता-पायजामा और गले में रुद्राक्ष की माला पहने पीएम मोदी ने सबसे पहले रामलला के गर्भगृह में प्रवेश किया। वहां सोने-चांदी के पुष्पों से सजी बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति के सामने वे लंबे समय तक नतमस्तक रहे। पूजा के बाद उन्होंने स्वयं मंदिर परिसर में ध्वजारोहण भी किया। भगवा ध्वज फहराते ही उपस्थित हजारों श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।दर्शन के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, “रामलला की यह बाल प्रतिमा केवल पत्थर की मूर्ति नहीं, यह भारत की जागृत चेतना का स्वरूप है। हर बार यहां आता हूं तो एक नई ऊर्जा, नया संकल्प मिलता है।

यह ऊर्जा विश्व भर के रामभक्तों के संकल्प से जुड़ी है। आज ध्वजारोहण का पर्व इसी संकल्प की सिद्धि का दिन बन गया। प्रभु की कृपा भयउ सबु काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू।”प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पीएम मोदी ने करीब 45 मिनट तक गर्भगृह में ध्यान और पूजन किया। उन्होंने रामलला को सोने का मुकुट, चांदी का छत्र और रेशमी वस्त्र भेंट किए।
मंदिर परिसर में इस दौरान देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और दक्षिण भारत से आए भक्तों ने प्रधानमंत्री को देखते ही “मोदी-मोदी” और “जय श्री राम” के नारे लगाए। कई बुजुर्ग महिलाएं तो भावुक होकर रो पड़ीं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पांच सौ साल का संकल्प आज सिद्ध हुआ है। रामलला का यह नव्य मंदिर केवल ईंट-पत्थर का भवन नहीं, यह भारत के सनातन स्वाभिमान का प्रतीक है।”

अयोध्या में आज पूरा दिन रामनामी पट, केसरिया झंडे और दीपावली जैसा उत्साह रहा। शाम को हनुमान गढ़ी और कनक भवन में भी विशेष पूजन और आरती का आयोजन हुआ। राम की पैड़ी पर दीपोत्सव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।रामलला के दर्शन के इस अलौकिक क्षण ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि अयोध्या अब केवल एक शहर नहीं, विश्व की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन चुकी है। जय श्री राम!
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