35 साल पुराने सरला भट्ट हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई, SIA ने 8 जगहों पर मारी छापेमारी
Published on: August 12, 2025
By: [BTNI]
Location: Shri Nagar, India
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में मंगलवार को राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने 1990 में हुए कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट के अपहरण और हत्याकांड के मामले में बड़ी कार्रवाई की। इस सिलसिले में SIA ने श्रीनगर में आठ अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के पूर्व नेता यासिन मलिक के घर की भी तलाशी ली गई। इस कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF के जवान भी शामिल थे।
27 वर्षीय सरला भट्ट, अनंतनाग जिले की निवासी थीं और श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में नर्स के रूप में कार्यरत थीं। 18 अप्रैल 1990 को उन्हें SKIMS के हॉस्टल से अगवा कर लिया गया था। अगले दिन, 19 अप्रैल को उनकी गोलियों से छलनी लाश श्रीनगर के मालबाग इलाके में सड़क पर मिली थी। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, सरला भट्ट का अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और बर्बर हत्या की गई थी, जो कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी से पलायन के लिए मजबूर करने की साजिश का हिस्सा थी। इस मामले में निगीन पुलिस स्टेशन में FIR 56/1990 दर्ज की गई थी, लेकिन 35 साल बाद भी यह मामला अनसुलझा रहा।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार से जुड़े मामलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया। इसी के तहत SIA ने यह कार्रवाई शुरू की। छापेमारी के दौरान JKLF के पूर्व कमांडर पीर नूरुल हक शाह उर्फ एयर मार्शल सहित कई संदिग्धों के ठिकानों पर तलाशी ली गई। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई सरला भट्ट हत्याकांड में नए सुराग तलाशने और दोषियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से की गई है।
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कश्मीरी पंडितों का पलायन और संपत्तियों की वापसी का प्रयास
1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए हमले और हत्याओं ने पूरे समुदाय को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। सरला भट्ट की हत्या को भी इस साजिश का हिस्सा माना जाता है, जिसका मकसद कश्मीरी पंडितों को डराकर घाटी से भगाना था। डर और प्रशासन की नाकामी के कारण हजारों कश्मीरी पंडितों ने अपने घर, संपत्तियां और आजीविका छोड़कर पलायन किया। उनकी संपत्तियों पर अतिक्रमण या लूटपाट की गई, जिससे समुदाय को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
जम्मू-कश्मीर सरकार अब कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों को उनके कानूनी मालिकों को वापस दिलाने और समुदाय की घाटी में सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चला रही है। इस दिशा में यह छापेमारी एक अहम कदम मानी जा रही है।
जांच में नई उम्मीद
SIA की इस कार्रवाई से कश्मीरी पंडित समुदाय में न्याय की उम्मीद जगी है। सरला भट्ट हत्याकांड जैसे मामलों को फिर से खोलने से न केवल दोषियों को सजा मिलने की संभावना बढ़ी है, बल्कि यह कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक इतिहास को फिर से उजागर करने का भी प्रयास है। अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी से प्राप्त जानकारी के आधार पर जांच को और गति दी जाएगी।
यह कार्रवाई न केवल सरला भट्ट के परिवार, बल्कि पूरे कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दशकों से न्याय और अपने घरों में वापसी का इंतजार कर रहा है।