बोड़ला पहुंचने पर कांवड़ यात्रा का आत्मीय अभिनंदन
आज रविवार दोपहर 12 बजे होगा भोलेनाथ का जलाभिषेक
(बोड़ला से लौटकर सौम्या तिवारी पुरोहित)
Published on: July 26, 2025
By: BTNI
Location: Bodla, India
छत्तीसगढ़ के पंडरिया क्षेत्र की विधायक भावना बोहरा के नेतृत्व में सैकड़ों शिव भक्तों के साथ कांवड़ यात्रा अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है। यह पवित्र यात्रा, जो माँ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू हुई थी, 151 किलोमीटर की कठिन यात्रा के बाद भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ सम्पन्न होगी।

आज शाम विधायक भावना बोहरा अपने कांवड़ियों के दल के साथ बोड़ला पहुँचीं, जहाँ गाँव वालों ने उनका और सभी कांवड़ियों का दिल खोलकर स्वागत किया। बोड़ला में रात्रि विश्राम के बाद, कल रविवार, 27 जुलाई 2025 को सुबह 7:00 बजे यह यात्रा भोरमदेव मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। दोपहर लगभग 11:30 बजे कांवड़िए भोरमदेव मंदिर पहुँचेंगे, जहाँ 12:00 बजे शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा। यह आयोजन भव्य और आध्यात्मिक होगा, जिसमें “हर हर महादेव”, “बोल बम”, और “जय शिव ओंकारा” के जयघोष गूंजेंगे।
यह कांवड़ यात्रा माँ नर्मदा के पवित्र जल को अमरकंटक से लेकर भोरमदेव मंदिर तक लाने की एक अनूठी आध्यात्मिक यात्रा है, जो छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि और प्रदेश की खुशहाली के लिए समर्पित है। विधायक भावना बोहरा ने इस अवसर पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “माँ नर्मदा और भगवान भोलेनाथ जी के आशीर्वाद और आप सभी शिवभक्तों एवं क्षेत्रवासियों के स्नेह, अपनत्व एवं सहयोग से छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि और प्रदेश की खुशहाली हेतु माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक 151 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा 27 जुलाई 2025, रविवार को पूर्ण होने जा रही है।”
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=उन्होंने आगे लिखा, “इस अवसर पर यात्रा के अंतिम पड़ाव पर बोड़ला से प्रातः 07 बजे यात्रा प्रस्थान होगी और बोल बम एवं हर हर महादेव के नारों एवं उत्साह, उल्लास एवं ऊर्जा के साथ सभी कांवड़ यात्रियों के साथ दोपहर 12 बजे भोरमदेव मंदिर में शिवजी का जलाभिषेक किया जाएगा। आइए बोड़ला से भोरमदेव मंदिर तक कांवड़ यात्रा के अंतिम दिवस आप सभी शिवभक्त इस पुण्य यात्रा के सहभागी बनें।”
यह यात्रा न केवल शिव भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह समुदाय के एकजुटता और आध्यात्मिक उत्साह को भी दर्शाती है। सभी शिव भक्तों से अपील है कि वे इस पुण्य यात्रा का हिस्सा बनें और भोरमदेव मंदिर में होने वाले इस भव्य जलाभिषेक समारोह में शामिल हों।