गड़बड़ी हुई तो इंजीनियरों और ठेकेदारों से होगी वसूली
योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार
Published on: June 08, 2025
By: BTNI
Location: Lucknow, India
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगमों में व्याप्त भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्यों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भ्रष्टाचार में लिप्त इंजीनियरों और ठेकेदारों से सख्ती से निपटा जाएगा। योगी सरकार ने निर्माण कार्यों में गड़बड़ी पर जवाबदेही तय करने के लिए कड़े निर्णय लिए हैं, जिसमें दोषियों से आर्थिक वसूली के साथ-साथ निलंबन जैसी कार्रवाई शामिल है।
घटिया निर्माण पर होगी 50% वसूली
मुख्यमंत्री ने नगर निगमों और अन्य नगरीय निकायों में घटिया निर्माण कार्यों पर सख्त नाराजगी जताई। सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, जिसके तहत निर्माण में गड़बड़ी पाए जाने पर कुल क्षति का 50% ठेकेदार से और शेष 50% संबंधित इंजीनियरों से वसूला जाएगा। इसमें 35% अवर अभियंता, 10% सहायक अभियंता और 5% अधिशासी अभियंता से वसूली होगी। इस कदम से भ्रष्टाचार और लापरवाही पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही पर कार्रवाई
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में लापरवाही बरतने वाले नौ संविदा इंजीनियरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इनमें अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कुशीनगर, कानपुर नगर, फिरोजाबाद, आजमगढ़, चित्रकूट, बांदा, हापुड़, श्रावस्ती और बलरामपुर के इंजीनियर शामिल हैं। सूडा निदेशक ने ऑनलाइन डीपीआर की समीक्षा करने और तय लक्ष्यों के अनुसार काम न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पहले भी हुई सख्त कार्रवाई
योगी सरकार ने पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कदम उठाए हैं। हाल ही में मेरठ और आजमगढ़ में पावर कॉरपोरेशन के दो वरिष्ठ अधिकारियों को ठेकेदारों से रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित किया गया। मेरठ के अधीक्षण अभियंता पर 41 करोड़ रुपये के टेंडर में 6% रिश्वत लेने का आरोप था। इसके अलावा, मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने की घटना में जिम्मेदार इंजीनियरों और ठेकेदारों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई थी।
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सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर भी नकेल
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को नौ जिलों में घटिया सड़क निर्माण की जांच के आदेश दिए थे, जिसमें अधिकतर सड़कों के नमूने प्रयोगशाला जांच में फेल पाए गए। इसके चलते 16 अभियंताओं को निलंबित किया गया और 30 करोड़ रुपये की वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है।
सीएम योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा, “जनता के पैसे से मजाक करने वालों की खैर नहीं। भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इंजीनियरों और ठेकेदारों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, वरना कठोर कार्रवाई तय है।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्यों की सख्त निगरानी की जाए और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
विपक्ष पर निशाना
योगी सरकार के इस फैसले को जहां जनता ने सराहा है, वहीं विपक्ष ने इसे निशाने पर लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि योग Puducherry, India
यूपी सरकार पर सवाल उठाए। हालांकि, योगी सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी कार्रवाई पारदर्शी और निष्पक्ष है।
नया उत्तर प्रदेश का संदेश
सोशल मीडिया पर योगी सरकार के इस कदम की खूब तारीफ हो रही है। लोगों का कहना है कि यह कदम सरकारी धन की बर्बादी रोकने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
योगी सरकार का यह सख्त रवैया भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और गुणवत्तापूर्ण विकास कार्यों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल नगर निगमों में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि जनता को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।