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कैलाश विजयवर्गीय: समर्पण, संकल्प और सेवा का 50 सालों का अद्भुत सफर

कैलाश विजयवर्गीय के जन्मदिन पर विशेष

कैलाश विजयवर्गीय का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
राजनीति में प्रवेश और शुरुआती सफर
पित्रेश्वर हनुमान मंदिर: 20 वर्षों के अन्नत्याग का संकल्प
लगातार विधानसभा चुनावों में विजय
महापौर के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ
मंत्रालयों में उत्कृष्ट नेतृत्व
राष्ट्रीय राजनीति में उभरता नेतृत्व
खेल और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका
इंदौर को स्वच्छ और हरित शहर बनाने में योगदान
वर्तमान में राजनीतिक स्थिति
Barbarika Truth News India-image= June 29, 2025
कैलाश विजयवर्गीय जी अपने संपूर्ण परिवार के साथ

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और इंदौर के गौरव, कैलाश विजयवर्गीय का नाम आज भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जाना जाता है। अपने 50 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने जो अमिट छाप छोड़ी है, वह प्रेरणा का स्रोत है। उनके जन्मदिन के अवसर पर आइए उनके जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों पर नजर डालते हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कैलाश विजयवर्गीय जी का जन्म 13 मई 1956 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ।

पिता: श्री शंकर दयाल विजयवर्गीय

माता: श्रीमती अयोध्या देवी विजयवर्गीय

पत्नी: श्रीमती आशा विजयवर्गीय

संतान: दो पुत्र, जिनमें बड़ा पुत्र राजनीति में सक्रिय है।

शिक्षा में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई — विज्ञान (B.Sc.) में स्नातक के साथ-साथ कानून (LLB) की भी पढ़ाई पूरी की।

Barbarika Truth News India-image= June 29, 2025
कैलाश विजयवर्गीय अपनी धर्मपत्नी के साथ महाकाल मंदिर में

राजनीति में प्रवेश और शुरुआती सफर
1975 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के माध्यम से उन्होंने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की।

1983: नगर निगम पार्षद बने।

1990: पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए।

उस समय वे भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राज्य उपाध्यक्ष भी बने और गुजरात के संगठनात्मक कार्यों में भी सक्रिय रहे।

Barbarika Truth News India-image= June 29, 2025
कैलाश विजयवर्गीय जी अपने पोता पोती के साथ बचपना बिताते हुए

लगातार विधानसभा चुनावों में विजय
1993: दोबारा विधायक बने।

1998: कांग्रेस की रेखा गांधी को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे।

2003: एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की।

2008: अंबेडकर नगर से कांग्रेस प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार को भारी मतों से हराया।

2013: पुनः अंतर सिंह दरबार को हराकर विजय प्राप्त की।

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कैलाश विजयवर्गीय अपनी धर्मपत्नी के साथ इंदौर में खजराना गणेश जी के दर्शन करते हुए

महापौर के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ
2000: सबसे अधिक वोटों से इंदौर के पहले निर्वाचित महापौर बने।

2002: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री द्वारा शहरी विकास पर अपने अनुभव साझा करने हेतु आमंत्रित किए गए।

महापौर सम्मेलन (USA): अमेरिका द्वारा “सर्वश्रेष्ठ महापौर” के सम्मान से नवाजा गया।

उनकी दूरदर्शिता और कार्यों की सराहना चीन तक पहुँची।

Barbarika Truth News India-image= June 29, 2025
धर्मपत्नी के साथ मतदान

मंत्रालयों में उत्कृष्ट नेतृत्व
2005: शिवराज सिंह चौहान की सरकार में लोक निर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बने।

2013: उद्योग मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल हुए।

राष्ट्रीय राजनीति में उभरता नेतृत्व
2014: हरियाणा विधानसभा चुनावों की कमान सौंपी गई और वहाँ ऐतिहासिक जीत दिलाई।

इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पश्चिम बंगाल की राजनीतिक ज़िम्मेदारी सौंपी, जहाँ उन्होंने पार्टी के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

खेल और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका
राजनीति के साथ-साथ विजयवर्गीय जी ने खेल और सामाजिक कार्यों में भी उल्लेखनीय योगदान दिया:

2009 और 2011: डिविजनल क्रिकेट एसोसिएशन, इंदौर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

Barbarika Truth News India-image= June 29, 2025
कैलाश विजयवर्गीय जी वर्तमान मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी के साथ

इंदौर को स्वच्छ और हरित शहर बनाने में योगदान
कैलाश विजयवर्गीय जी की सोच का ही परिणाम है कि इंदौर को “स्वच्छ शहर” और “ग्रीन सिटी” के खिताब से नवाजा गया। उनकी नीतियों और कार्यों ने शहर को देशभर में पहचान दिलाई।

पित्रेश्वर हनुमान मंदिर: 20 वर्षों के अन्नत्याग का संकल्प
इंदौर के विकास में बाधा माने जाने वाले पितृदोष को दूर करने के उद्देश्य से कैलाश विजयवर्गीय जी ने पित्रा पर्वत पर विशाल हनुमान प्रतिमा की स्थापना का संकल्प लिया।

किसी महात्मा के कहने पर उन्होंने यह प्रण लिया था।

उन्होंने अन्न का त्याग कर 20 वर्षों तक उपवास किया और प्रतिमा स्थापना के बाद ही अन्न ग्रहण किया।

आज यह मंदिर इंदौर की धार्मिक पहचान बन चुका है।

वृक्षारोपण अभियान: पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल
केवल मंदिर निर्माण ही नहीं, विजयवर्गीय जी ने लोगों से आह्वान किया कि वे गुमटगिरि पहाड़ी पर अपने पितरों के नाम से पेड़ लगाएँ।

उनकी इस अपील पर हजारों लोगों ने हजारों पेड़ लगाए।

Barbarika Truth News India-image= June 29, 2025
कैलाश विजयवर्गीय जी रूपा गांगुली जी के साथ

आज गुमटगिरि क्षेत्र लाखों पेड़ों से आच्छादित है।

इस हरित पहल ने न सिर्फ वहाँ की, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों की वायु को भी शुद्ध कर दिया है।

इसे पर्यावरण संरक्षण का एक आदर्श मॉडल माना जाता है।

वर्तमान में राजनीतिक स्थिति
आज कैलाश विजयवर्गीय भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्यरत हैं।

वे अब तक 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार विजयी रहे हैं।

उनके नेतृत्व और दूरदर्शी सोच ने भाजपा और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।

निष्कर्ष
कैलाश विजयवर्गीय का जीवन समर्पण, तपस्या, और सेवा का अद्भुत उदाहरण है। राजनीति, सामाजिक कार्य, खेल, पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक कार्यों में उनकी सक्रियता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। उनके जन्मदिन के इस शुभ अवसर पर हम उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।

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