2014 में मोदी समर्थक, 2019 में विरोधी; क्या अगले चुनाव में कांग्रेस के साथ दिखेंगे MNS प्रमुख
Published on: July 08, 2025
By: [BTNI]
Location: Mumbai, India
महाराष्ट्र की सियासत में अपने तीखे बयानों और बदलते रुख के लिए मशहूर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है 2019 में बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की वह भविष्यवाणी, जिसमें उन्होंने राज ठाकरे के सियासी रुख को लेकर तंज कसा था। फडणवीस ने कहा था, “राज ठाकरे हर पांच साल में अपना रुख बदल लेते हैं।
2014 में वे मोदी के प्रशंसक थे, 2019 में मोदी विरोधी हो गए। अगले चुनाव में वे हमारे साथ होंगे, यह कहते हुए कि कांग्रेस ने उन्हें निराश किया।” यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और लोग इसकी सटीकता पर चर्चा कर रहे हैं।2014 में राज ठाकरे ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की थी और गुजरात मॉडल की तारीफ की थी। उन्होंने उस समय कहा था कि गुजरात के लोग भाग्यशाली हैं कि उनके पास मोदी जैसे मुख्यमंत्री हैं। लेकिन 2019 आते-आते उनका रुख पूरी तरह बदल गया। उन्होंने ‘मोदी-मुक्त भारत’ का नारा दिया और लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के खिलाफ तीखी रैलियां कीं, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की कथित नाकामियों को उजागर किया।
Also read- https://www.btnewsindia.com/अफ्रीका-का-प्राकृतिक-खजा/ https://www.btnewsindia.com/जिला-पंचायत-सीईओ-सुश्री-स/
2024 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने फिर पलटी मारी और नरेंद्र मोदी को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से NDA के लिए प्रचार करने को कहा। हालांकि, उनकी पार्टी MNS ने कोई सीट नहीं जीती, और 2024 के विधानसभा चुनाव में भी MNS का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसमें उनके बेटे अमित ठाकरे भी महिम सीट से हार गए।
फडणवीस की 2019 की भविष्यवाणी अब इसलिए चर्चा में है क्योंकि राज ठाकरे ने हाल ही में अपनी चचेरी बहन उद्धव ठाकरे के साथ ‘मराठी मानुष’ और ‘मराठी भाषा’ के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है। दोनों ने मुंबई में एक साझा कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए मराठी वोटों को एकजुट करने की बात कही। यह कदम 2025 के आगामी बीएमसी चुनावों में एक संभावित गठबंधन की ओर इशारा करता है।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने मजाकिया अंदाज में लिखा, “2024 में राज ठाकरे ने मोदी का समर्थन किया, NDA का महाराष्ट्र में सबसे खराब प्रदर्शन रहा। फिर विधानसभा में मोदी की आलोचना की, और NDA ने रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। कृपया राज ठाकरे, अब आप मोदी विरोधी खेमे में शामिल हो जाइए!” यह टिप्पणी राज के बार-बार बदलते रुख और उनकी सियासी रणनीतियों पर सवाल उठाती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज ठाकरे का बार-बार रुख बदलना उनकी पार्टी की घटती लोकप्रियता और सीमित संगठनात्मक ताकत का परिणाम है। 2009 में MNS ने 13 विधानसभा सीटें जीती थीं, लेकिन 2014 और 2019 में यह संख्या घटकर एक हो गई, और 2024 में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। विश्लेषक सुहास पल्शीकर के अनुसार, “राज ठाकरे की रैलियों में भीड़ तो आती है, लेकिन यह वोटों में तब्दील नहीं होती। उनकी सियासी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।”
फडणवीस की भविष्यवाणी का एक हिस्सा सच होता दिख रहा है, क्योंकि राज ठाकरे अब बीजेपी के खिलाफ और उद्धव ठाकरे के साथ नजर आ रहे हैं। लेकिन क्या वे अगले चुनाव में कांग्रेस के साथ खड़े होंगे, जैसा फडणवीस ने भविष्यवाणी की थी? यह सवाल महाराष्ट्र की सियासत में उत्सुकता का विषय बना हुआ है।
राज ठाकरे की अगली चाल क्या होगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी बदलती रणनीतियां और फडणवीस की भविष्यवाणी ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है।
निष्कर्ष: राज ठाकरे का सियासी सफर उतार-चढ़ाव और बदलते रुखों की कहानी है। फडणवीस की 2019 की भविष्यवाणी ने उनके इस अस्थिर रुख को उजागर किया है, और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या राज ठाकरे अगले चुनाव में फिर कोई नया रंग दिखाएंगे।