33.65 लाख करोड़ के ऋण से उद्यमिता को नई उड़ान
महिलाओं और वंचित वर्गों को मिली आर्थिक ताकत, नई ‘तरुण प्लस’ श्रेणी और ₹20 लाख तक की ऋण सीमा से छोटे उद्यमियों को बढ़ावा
Published on: June 05, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), जिसे 8 अप्रैल 2015 को शुरू किया गया था, ने छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को बिना गारंटी के ऋण प्रदान करके भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना ने #ViksitBharat और #AmritKaal के विजन को साकार करते हुए पिछले 11 वर्षों में #SevaSushasanGaribKalyan के तहत लाखों लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।
मुद्रा योजना की उपलब्धियां:
2015-16 में शुरुआत: योजना के पहले वर्ष में 3.49 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए, जिनका कुल मूल्य ₹1.37 लाख करोड़ था।
2023-24 में वृद्धि: यह आंकड़ा बढ़कर 6.67 करोड़ ऋण तक पहुंच गया, जो छोटे उद्यमियों के बीच योजना की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
2024-25 में प्रगति: 21 मार्च 2025 तक के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 4.53 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
कुल ऋण राशि में वृद्धि: 2015-16 में ₹1.37 लाख करोड़ से शुरू होकर, 2024-25 तक कुल स्वीकृत ऋण राशि ₹33.65 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जो उद्यमिता के लिए वित्तीय सहायता में अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है।

महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समुदायों का सशक्तिकरण:
मुद्रा योजना ने विशेष रूप से महिलाओं और समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 68% लाभार्थी महिलाएं हैं, और 50% से अधिक लाभार्थी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं। यह योजना समावेशी विकास और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करती है।
नई ऋण सीमा और तरुण प्लस श्रेणी:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 के केंद्रीय बजट में मुद्रा ऋण की अधिकतम सीमा को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करने की घोषणा की थी, जो 24 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हुई। नई ‘तरुण प्लस’ श्रेणी उन उद्यमियों के लिए शुरू की गई है, जिन्होंने पहले तरुण श्रेणी के तहत ऋण लिया और उसे सफलतापूर्वक चुकाया। यह कदम उद्यमियों को अपने व्यवसाय को और विस्तार देने में मदद करेगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि मुद्रा योजना ने न केवल वित्तीय सहायता प्रदान की, बल्कि उद्यमिता के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव लाया है। योजना ने 11.10 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित किए हैं, जिनमें से 47% रोजगार SC, ST और OBC समुदायों को मिले हैं।
क्षेत्रीय प्रभाव:
गुजरात जैसे राज्यों में PMMY का व्यापक प्रभाव देखा गया है, जहां 2020-21 से 2024-25 (नवंबर 2024 तक) के बीच ₹70,051 करोड़ के ऋण वितरित किए गए हैं। 2024-25 में अब तक ₹9,708 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में 74% की वृद्धि दर्शाता है।
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नौतियां और भविष्य की दिशा:
हालांकि योजना ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, लेकिन ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता है। 2023-24 में 66.8 मिलियन ऋण स्वीकृत किए गए, जिनका कुल मूल्य ₹5.4 ट्रिलियन था। भविष्य में, शिशु और किशोर श्रेणियों की ऋण सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जो छोटे उद्यमियों को और अधिक सहायता प्रदान करेगा।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। 52 करोड़ से अधिक ऋण और ₹33.65 लाख करोड़ की स्वीकृत राशि के साथ, यह योजना न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामाजिक समावेश और लैंगिक समानता को भी प्रोत्साहित कर रही है। #10YearsOfMUDRA के अवसर पर, यह योजना भारत के उभरते उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा और समर्थन का स्रोत बनी हुई है।