पाकिस्तान से बढ़ते साइबर हमलों का खतरा: आम जनता से लेकर सरकार तक सतर्क, विपक्ष ने भी दी चेतावनी
Published on: May 10, 2025
By: BTI
Location: New Delhi, India
भारत लगातार साइबर युद्ध के एक अदृश्य मोर्चे पर लड़ रहा है। हाल के महीनों में पाकिस्तान-समर्थित हैकर समूहों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि भारत के संवेदनशील डेटा, रणनीतिक संस्थान, विश्वविद्यालय और यहां तक कि आम नागरिक भी इन हमलों के निशाने पर हैं।
‘APT36’, जिसे ‘Transparent Tribe’ के नाम से भी जाना जाता है, एक कुख्यात पाकिस्तान-समर्थित साइबर समूह है, जिसने हाल ही में भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय, और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को फिशिंग ईमेल और ट्रोजन मैलवेयर के जरिए निशाना बनाया है। विशेष बात यह है कि ये ईमेल इतने पेशेवर और प्रामाणिक प्रतीत होते हैं कि आम नागरिक या कर्मचारी आसानी से भ्रमित हो सकते हैं।
🎯 साइबर हमलों के मुख्य तरीके
- फिशिंग ईमेल और अटैचमेंट्स – फर्जी सरकारी दस्तावेजों के रूप में भेजे गए ईमेल जिनमें मैलवेयर छिपा होता है।
- मॉर्फ किए गए लिंक – सोशल मीडिया या SMS के जरिए भेजे गए नकली लिंक जो बैंक डिटेल्स या आधार जैसी जानकारी चुरा सकते हैं।
- डीडीओएस (DDoS) और वेबसाइट हैकिंग – सरकारी पोर्टल्स और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को डाउन करना।
- फर्जी मोबाइल ऐप्स – सरकारी सेवाओं के नाम पर बनाए गए ऐप्स जो फोन से डेटा चुरा लेते हैं।
- Wi-Fi नेटवर्क का दुरुपयोग – खुले नेटवर्क के जरिए यूजर्स की एक्टिविटी ट्रैक करना।
🔐 कैसे बचें साइबर हमलों से
- अज्ञात ईमेल और लिंक पर कभी क्लिक न करें।
- किसी भी सरकारी दस्तावेज या नोटिस को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही जांचें।
- हमेशा VPN और सुरक्षित पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA) को सक्रिय करें।
- सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें।
- किसी भी साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट cybercrime.gov.in पर तुरंत करें।
🏛️ सरकार और एजेंसियों की तैयारी
भारत सरकार ने साइबर हमलों की रोकथाम और निगरानी के लिए ‘CERT-In’ (Computer Emergency Response Team – India) और ‘I4C’ (Indian Cyber Crime Coordination Centre) जैसी एजेंसियों को सक्रिय किया है। ये संस्थाएं 24×7 निगरानी करती हैं और हमले की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देती हैं।
IT मंत्रालय के तहत आने वाला डिजिटल इंडिया मिशन अब साइबर हाइजीन को जनजागरण का विषय बना रहा है। स्कूलों और कॉलेजों में साइबर सुरक्षा पर कार्यशालाएं शुरू की गई हैं।
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🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा, “साइबर सुरक्षा अब केवल तकनीकी विषय नहीं रहा, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का केंद्रबिंदु बन चुका है। सरकार को इस दिशा में अधिक पारदर्शिता और जन-जागरूकता अभियान शुरू करने चाहिए।”

वहीं बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री हैं, ने हाल ही में एक सम्मेलन में कहा, “हम पाकिस्तान, चीन और अन्य शत्रु राष्ट्रों से उत्पन्न साइबर खतरों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। आने वाले महीनों में हम साइबर शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने जा रहे हैं।”
📢 जनता को सतर्क रहने की जरूरत
अब साइबर सुरक्षा केवल एक विशेषज्ञों का मामला नहीं रहा। सोशल मीडिया पर फर्जी लिंक, नकली सरकारी संदेश, और मुफ्त योजना का लालच देकर लोगों को फंसाया जा रहा है। मुंबई पुलिस और दिल्ली साइबर सेल ने चेतावनी जारी की है कि नागरिक किसी भी योजना या ऑफर को आधिकारिक स्रोतों से ही जांचें।
साइबर विशेषज्ञ रवि शंकर श्रीवास्तव के अनुसार, “भारत में डिजिटल भुगतान और UPI के बढ़ते उपयोग के साथ आम नागरिकों को साइबर शिक्षा देना सबसे बड़ा हथियार साबित होगा।”
निष्कर्ष
भारत एक डिजिटल राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, लेकिन इसके साथ साइबर सुरक्षा भी उतनी ही अनिवार्य हो गई है। पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों द्वारा किए जा रहे ये अदृश्य हमले न केवल सरकार बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी हैं। सावधानी, सतर्कता और सही जानकारी से ही हम इस साइबर युद्ध में विजयी हो सकते हैं।