संस्कारधानी के बाल एवं युवा कथक नृत्य साधक शीतला मंदिर में अपनी प्रस्तुति देंगे
Published on: July 04, 2025
By: [BTNI]
Location: Rajnandgaon, India
नगर की कुलदेवी मां रिद्धि सिद्धि दात्री श्री शीतला माता मंदिर प्रांगण बुढ़ा सागर सोनारपारा में देवशयनी एकादशी आषाढ़ शुक्ल पक्ष ग्यारस विक्रम संवत 2082 दिनांक छह (6) जुलाई 2025 रविवार को संध्या पांच बजे से ‘‘अर्पण नृत्य समागम’’ नृत्य संगीत के द्वारा चातुर्मास के लिए देवी देवता विश्राम करेंगे। इस अवसर पर संस्था के कला साधक अपनी कला साधना के माध्यम से विश्व कल्याण के लिए मंगल कामना नृत्य संगीत के माध्यम से मंगल नृत्य गान करेंगे।

ज्ञात हो संस्थान के संस्थापक एवं पद्मविभुषण पं. बिरजू महाराज जी एवं प्रो. कल्याण दास महन्त जी के शिष्य डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा संस्कारधानी में सनातनी कला संस्कृति को युवा एवं बच्चों के बीच संस्कार के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से तिरालीस वर्षों से ‘‘नवाचार’’ करते हुए कार्य कर रहे हैं। रायगढ़ नरेश राजा चक्रधर सिंह की स्मृति में एवं संगीत नृत्य में दिए गए राजा साहब जी के योगदान के लिए चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र की स्थापना की।
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मध्य भारत, छत्तीसगढ़ एवं राजनांदगांव के प्रथम स्तानाक संगीत महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। ज्ञात हो मंदिरों में अर्पण नृत्य समागम कार्यक्रम हर माह के एकादशी अथवा पूर्णिमा को आयोजित करने वाला छत्तीसगढ़ राज्य में यह एकमात्र अनुठा आयोजन है। प्राचीन भारत में हमारे कला साधक गुरु अपनी कला साधना की प्रथम प्रस्तुति मंदिर के देवी देवताओं को साक्षी मानकर अपनी कला का अर्पण देवालयों में करने का विधान मिलता है।

उन्हीं का अनुसरण करते हुए हमारे नव अंकुरित कला साधक नगर की कुल देवी रिद्धी सिद्धी दात्री हमर माता देवालय मां शीतला के श्री चरणों में अर्पण नृत्य समागन करने जा रही है। संस्कारधानी की सुधी नागरिकों से सुरेश महाराज, राज महाराज, चन्द्रकुमार दुबे भुरु महाराज, रवि महाराज, पियुष महाराज, अंकित महाराज ने अनुरोध किया है कि देवशयनी एकादशी दिनांक 6 जुलाई रविवार 2025 संध्या 5 बजे शीतला माता मंदिर बुढ़ा सागर सोनारपारा राजनांदगांव में पधारकर कार्यक्रम में शामिल हो।