15 साल पहले सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए 31 लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि
Published on: May 18, 2025
By: [BTI]
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज सुकमा जिले के चिंगावरम में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में 15 साल पहले हुए बस ब्लास्ट के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यह दुखद घटना 17 मई 2010 को नक्सलियों द्वारा अंजाम दी गई थी, जिसमें 15 आम नागरिकों और 16 सुरक्षाकर्मियों सहित 31 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की और उनके परिजनों को शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर शहीदों के परिवारों की आंखें नम थीं और उनके मन में गुस्सा व सवाल साफ झलक रहे थे। एक परिजन ने कहा, “15 साल बीत जाने के बाद भी हमारा दर्द कम नहीं हुआ। हमारे मन में आज भी यह सवाल है कि हमारी क्या गलती थी? नक्सलियों ने हमारे अपनों को क्यों छीन लिया?”

घटना का विवरण
17 मई 2010 को दंतेवाड़ा से सुकमा जा रही एक यात्री बस को नक्सलियों ने चिंगावरम के पास निशाना बनाया था। इस हमले में नक्सलियों ने एक शक्तिशाली आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप 31 लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा की क्रूरता को एक बार फिर उजागर किया था।
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समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस श्रद्धांजलि समारोह में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप सहित कई जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। उपस्थित लोगों ने शहीदों के बलिदान को याद किया और नक्सली हिंसा के खिलाफ एकजुटता दिखाई। यह आयोजन न केवल शहीदों को सम्मान देने का अवसर था, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

नक्सली हिंसा का संदर्भ
छत्तीसगढ़, विशेष रूप से सुकमा जैसे सुदूर और आदिवासी क्षेत्र, लंबे समय से नक्सली हिंसा से प्रभावित रहे हैं। 1960 के दशक में शुरू हुआ नक्सल आंदोलन, जो मूल रूप से किसानों के अधिकारों के लिए एक विद्रोह था, धीरे-धीरे एक हिंसक उग्रवादी आंदोलन में बदल गया। चिंगावरम बस ब्लास्ट इस हिंसा का एक भयावह उदाहरण है, जिसने न केवल सुरक्षाबलों बल्कि आम नागरिकों को भी निशाना बनाया।

शहीदों की स्मृति में संकल्प
उपमुख्यमंत्री के इस दौरे और परिजनों के भावनात्मक प्रदर्शन ने इस त्रासदी के स्थायी प्रभाव को उजागर किया। यह आयोजन शहीदों के बलिदान को याद करने और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का एक माध्यम बना। साथ ही, यह राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों का समर्थन किया जाए और इस समस्या के मूल कारणों को दूर करने के प्रयास जारी रखे जाएं।
इस श्रद्धांजलि समारोह ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ के लोग अपने शहीदों को कभी नहीं भूलेंगे और शांति की स्थापना के लिए संकल्पित हैं।