हिंदी साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया गहन शोक
Published on: September 16, 2025
By: BTNI
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ के साहित्यिक आकाश में एक चमकता सितारा हमेशा के लिए बुझ गया। प्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कवि, अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों के लोकप्रिय मंच संचालक तथा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व सदस्य श्री सुरजीत नवदीप का सोमवार, 15 सितंबर 2025 की देर रात को 88 वर्ष की आयु में धमतरी के रिसाईपारा स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। यह समाचार न केवल छत्तीसगढ़ के साहित्य प्रेमियों के लिए, अपितु समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति सिद्ध हुआ है।जन्म 1 जुलाई 1937 को पंजाब के भवलदीन (वर्तमान पाकिस्तान) में एक साधारण परिवार में हुआ सुरजीत नवदीप का सफर एक अनूठी प्रेरणा की मिसाल था।
विभाजन की त्रासदी के बाद भारत आकर उन्होंने हिंदी साहित्य में अपनी अमिट छाप छोड़ी। एमए (हिंदी), बीएड एवं सीपीडी जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले नवदीप जी ने जीवनभर हास्य और व्यंग्य की सहज शैली से समाज की जटिलताओं पर करारा प्रहार किया। उनकी कविताएं न केवल मनोरंजक थीं, बल्कि सामाजिक कुरीतियों, राजनीतिक विसंगतियों और मानवीय कमजोरियों पर गहरी टिप्पणियां भी करती थीं। “हंसी के पर्दे में सच्चाई का आईना” जैसी उनकी रचनाएं आज भी कवि सम्मेलनों में गूंजती हैं, जहां वे मंच संचालन की अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे।
धमतरी जिला हिंदी साहित्य समिति के संरक्षक के रूप में उन्होंने स्थानीय स्तर पर साहित्य को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। छत्तीसगढ़ राजभाषा प्रचार समिति, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (कोलकाता), नेशनल थर्मल पावर (तेलचर, ओडिशा) तथा मेट्रो रेलवे (कोलकाता) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से राजभाषा स्वर्ण जयंती समारोह में सम्मानित नवदीप जी की लेखनी ने हिंदी को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी पुस्तकें, जैसे “हास्य व्यंग्य संग्रह” और विभिन्न काव्य संकलन, युवा लेखकों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहीं। अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में उनकी उपस्थिति एक उत्सव सी होती थी, जहां उनकी व्यंग्यात्मक पंक्तियां दर्शकों को हंसाते-हंसाते सोचने पर मजबूर कर देतीं।
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निधन के समाचार पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गहन शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “प्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कवि एवं छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व सदस्य श्री सुरजीत नवदीप जी के निधन पर गहरा शोक जताते हुए हिंदी साहित्य जगत के लिए इसे अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की।”
मुख्यमंत्री जी ने नवदीप जी की सहज हास्य शैली और समाज पर उनकी गहरी अंतर्दृष्टि का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जाना एक युग का अंत है। साहित्यिक बंधुओं में भी शोक की लहर दौड़ गई। धमतरी के साहित्यकारों ने उन्हें “छत्तीसगढ़ का व्यंग्य सम्राट” करार दिया। पूर्व साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉ. रम्या श्रीवास्तव ने कहा, “नवदीप जी की हंसी में छिपी सच्चाई हमें हमेशा प्रेरित करेगी।” साहित्य समिति के सदस्यों ने उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की, जो मंगलवार, 16 सितंबर को दोपहर 2 बजे धमतरी के काल टैक्स पेट्रोल पंप के पीछे, डाक बंगला वार्ड से गुरुद्वारा होते हुए संपन्न हुआ।
सुरजीत नवदीप का निधन छत्तीसगढ़ी और हिंदी साहित्य को एक ऐसा रत्न खोने जैसा है, जो हास्य के माध्यम से समाज को आईना दिखाता था। उनकी विरासत युवा पीढ़ी को प्रेरित करती रहेगी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दें। साहित्य जगत सदैव उनके योगदान को याद रखेगा।