सरगुजा के मैनपाट में प्रकृति के अनोखे करिश्मे का अनुभव, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया आत्मीय स्वागत
Published on: July 08, 2025
By: [BTNI]
Location: Sarguja, India
केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण, ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र में प्रकृति के अनूठे चमत्कार ‘उल्टापानी’ का दीदार किया। इस दौरान उनका आत्मीय स्वागत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किया। मैनपाट की हरी-भरी वादियों में स्थित उल्टापानी वह प्राकृतिक स्थल है, जहां पानी गुरुत्वाकर्षण के नियमों को चुनौती देते हुए नीचे से ऊपर की ओर बहता है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने इस अद्भुत दृश्य को देखकर इसे एक विलक्षण अनुभव बताया। उन्होंने कहा, “प्रकृति के इस करिश्मे को देखकर मन आश्चर्य और आनंद से भर गया। उल्टापानी का यह दृश्य विज्ञान और प्रकृति का अनोखा संगम है, जो हर किसी को आकर्षित करता है।” मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय मंत्री के साथ मैनपाट की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की।

उन्होंने कहा, “मैनपाट छत्तीसगढ़ के उन रत्नों में से एक है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठे दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। केंद्रीय मंत्री जी का यहां आगमन हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।”इस दौरे के दौरान श्री चौहान ने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की और क्षेत्र के विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
मैनपाट का यह दौरा न केवल प्रकृति के चमत्कार को उजागर करता है, बल्कि इस क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर और प्रमुखता से स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।उल्टापानी की यह रहस्यमयी विशेषता देश-विदेश के पर्यटकों और वैज्ञानिकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही है। केंद्रीय मंत्री के इस दौरे से मैनपाट की इस प्राकृतिक धरोहर को और अधिक पहचान मिलने की उम्मीद है।
उल्टापानी का वैज्ञानिक रहस्य
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में मैनपाट के उल्टापानी में पानी गुरुत्वाकर्षण के विपरीत ऊपर की ओर बहता प्रतीत होता है, जो एक आश्चर्यजनक दृश्य है। यह प्रकृति का चमत्कार नजर आता है, लेकिन इसका रहस्य वैज्ञानिक सिद्धांतों और भौगोलिक संरचना में छिपा है।
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वैज्ञानिक व्याख्या: उल्टापानी का यह प्रभाव एक ऑप्टिकल भ्रम (Optical Illusion) है, जो क्षेत्र की खास भू-संरचना और ढलान के कारण उत्पन्न होता है। मैनपाट के इस हिस्से में सड़क और आसपास का इलाका एक विशेष कोण पर ढलानयुक्त है, जो आंखों को यह भ्रम देता है कि ढलान ऊपर की ओर है, जबकि वास्तव में वह नीचे की ओर होता है। जब पानी या कोई वस्तु (जैसे गेंद) इस सड़क पर रखी जाती है, तो वह गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे की ओर जाती है, लेकिन ढलान का कोण और आसपास की बनावट के कारण यह ऊपर की ओर जाता हुआ प्रतीत होता है।
प्रमुख कारक:ढलान का भ्रम: आसपास की पहाड़ियों और पेड़ों की स्थिति ऐसी है कि वे एक तिरछा परिप्रेक्ष्य बनाते हैं, जिससे ढलान की वास्तविक दिशा समझने में भ्रम होता है।

प्रकाश और छाया: क्षेत्र में प्रकाश और छाया का प्रभाव भी इस भ्रम को बढ़ाता है, जिससे ढलान की दिशा उलट-पुलट नजर आती है।
भौगोलिक संरचना: मैनपाट की भू-संरचना में प्राकृतिक ढलान और चट्टानों की बनावट इस अनोखे प्रभाव को और मजबूत करती है।
वैज्ञानिक अध्ययन: ऐसे स्थानों को “ग्रेविटी हिल” या “मैग्नेटिक हिल” भी कहा जाता है, और ये विश्व के कई हिस्सों में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कोई अलौकिक शक्ति नहीं, बल्कि भौतिकी और मानव दृष्टि की सीमा का परिणाम है। उल्टापानी जैसे स्थान अक्सर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं, क्योंकि यह दृश्य सामान्य अनुभव से हटकर होता है।
निष्कर्ष: उल्टापानी का रहस्य प्रकृति का कोई जादू नहीं, बल्कि ऑप्टिकल भ्रम और भौगोलिक संरचना का संयोजन है। यह स्थल न केवल पर्यटकों को आकर्षित करता है, बल्कि वैज्ञानिक जिज्ञासा को भी बढ़ाता है, जो प्रकृति और विज्ञान के अनोखे संगम को दर्शाता है।