राहुल गांधी ने चार्जशीट को बताया ‘राजनीतिक
- गुरुग्राम जमीन घोटाला:
- रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ED की चार्जशीट,
Published on: July 18, 2025
By: [BTNI]
Location: New Delhi, India
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम के शिकोहपुर जमीन घोटाले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ED ने वाड्रा और उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड सहित 10 अन्य लोगों और संस्थाओं के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इसके साथ ही, वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़ी 37.64 करोड़ रुपये की 43 अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है।
यह मामला 2008 में शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83, गुरुग्राम) में 3.53 एकड़ जमीन की कथित धोखाधड़ी वाली खरीद से संबंधित है। ED का आरोप है कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने ऑनकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से 7.5 करोड़ रुपये में यह जमीन फर्जी दस्तावेजों और गलत बयानों के आधार पर खरीदी थी। इसके बाद, वाड्रा के प्रभाव का इस्तेमाल कर इस जमीन पर व्यावसायिक कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस हासिल किया गया। चार महीने बाद, इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया, जिससे वाड्रा को करीब 50 करोड़ रुपये का अवैध मुनाफा हुआ।
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ED की जांच में पता चला कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और वाड्रा की दूसरी कंपनी स्काईलाइट रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के पास उस समय केवल 1-1 लाख रुपये की पूंजी थी, फिर भी 7.5 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई। भुगतान के लिए जारी चेक कभी बैंक में पेश नहीं किया गया, और स्टांप ड्यूटी सहित अन्य शुल्क ऑनकारेश्वर प्रॉपर्टीज ने ही दिए। ED ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का मामला माना है।
यह मामला 2012 में तब सुर्खियों में आया जब तत्कालीन हरियाणा के भूमि रजिस्ट्रेशन निदेशक अशोक खेमका ने जमीन के म्यूटेशन को रद्द,कानूनी उल्लंघनों का हवाला देते हुए। 2018 में गुरुग्राम पुलिस ने वाड्रा, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, डीएलएफ, और ऑनकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की थी।
ED ने 16 जुलाई 2025 को अटैचमेंट का अस्थायी आदेश जारी किया, और चार्जशीट में वाड्रा के साथ-साथ सत्यानंद याजी, केवाल सिंह विर्क, और अन्य संस्थाओं को भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि, कोर्ट ने अभी चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है।
वाड्रा ने इन आरोपों को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है, दावा करते हुए कि यह कार्रवाई उनकी अल्पसंख्यक अधिकारों की वकालत और सक्रिय राजनीति में उतरने की घोषणा के बाद की गई है। इस मामले के राजनीतिक निहितार्थ भी सामने आ रहे हैं, क्योंकि यह कांग्रेस नेतृत्व के लिए संवेदनशील समय पर हुआ है।
राहुल गांधी ने चार्जशीट को बताया 'राजनीतिक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दायर नई चार्जशीट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बोलते हुए राहुल गांधी ने इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ और ‘दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों से केंद्र सरकार द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और इसका उद्देश्य विपक्ष को कमजोर करना है।

उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि सरकार वाड्रा को बदनाम करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन सच सामने आएगा।”हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं और कानून के दायरे में कार्रवाई की जा रही है। रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ यह नई चार्जशीट कथित तौर पर जमीन सौदों से जुड़े एक मामले में दायर की गई है।इस मामले ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और आने वाले दिनों में इस पर और बहस होने की संभावना है।