एक दिल छू लेने वाली कहानी
Published on: July 05, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी और अनुशासन की एक 25 साल पुरानी कहानी आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह कहानी उस समय की है जब वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय नेता के रूप में त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर गए थे। इस दौरान उनकी सादगी और दूसरों के प्रति उनकी सेवा भावना ने वहां के लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी।
1999 में, जब नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद गए थे, तब उन्होंने वहां उद्योगपति एमएल मित्तल के घर ठहरने का फैसला किया। मित्तल ने उस समय को याद करते हुए बताया कि मोदी ने होटल या आरामदायक कमरे में रहने से इनकार कर दिया और एक छोटे से उपयोगिता कक्ष में रुके, जिसमें न तो एयर कंडीशनिंग थी और न ही अटैच्ड बाथरूम। मित्तल ने कहा, “मैंने उनसे मेरा कमरा लेने या होटल की व्यवस्था करने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वह उस छोटे से कमरे में खुशी-खुशी रुके।”
सबसे दिलचस्प बात यह थी कि हर सुबह 5 बजे उठकर नरेंद्र मोदी न केवल अपनी दिनचर्या शुरू करते थे, बल्कि सभी के लिए चाय और नाश्ता भी तैयार करते थे, इससे पहले कि घर का स्टाफ भी जागे। मित्तल ने बताया, “वह सुबह जल्दी उठकर चाय बनाते और सबके लिए नाश्ता तैयार करते। उनकी यह सादगी और अनुशासन देखकर मैं हैरान था।
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मित्तल ने यह भी साझा किया कि मोदी हमेशा सादा जीवन जीने में विश्वास रखते थे। यात्रा के दौरान भूख लगने पर भी वह गुड़ और मूंगफली का एक छोटा सा पाउच निकालते और मुस्कुराते हुए कहते, “ये मेरे लिए काफी है!” दिल्ली में भी, जब वह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव थे, तब वह एक सांसद के साधारण स्टाफ क्वार्टर में रहते थे, जहां उनके पास न्यूनतम सामान था। मित्तल ने बताया कि एक बार मुलाकात के दौरान मोदी ने खुद पानी की बोतल भरकर लाने की जिद की थी।
यह कहानी नरेंद्र मोदी की उस सादगी और समर्पण को दर्शाती है, जो उनकी नेतृत्व शैली का आधार रही है। 25 साल बाद, आज जब वह त्रिनिदाद और टोबैगो की आधिकारिक यात्रा पर हैं, यह कहानी लोगों के बीच फिर से चर्चा में है। इस यात्रा के दौरान उन्हें त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ भी प्रदान किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों की ओर से स्वीकार करते हुए कहा, “यह सम्मान भारत और त्रिनिदाद के बीच की गहरी दोस्ती का प्रतीक है।” उनकी इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को और मजबूत किया है।
सोशल मीडिया पर लोग इस कहानी को खूब साझा कर रहे हैं, और यह नरेंद्र मोदी की सादगी और जमीन से जुड़े स्वभाव की एक मिसाल बन गई है।