जल जीवन मिशन में लापरवाही पर 81 ठेकेदारों को नोटिस,
अनुबंध निरस्तीकरण और ब्लैकलिस्टिंग की चेतावनी
Published on: July 03, 2025
By: BTNI
Location: Rajnandgaon, India
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना, जो केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, के तहत हर ग्रामीण परिवार तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को देश और छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए हैं। हालांकि, मार्च 2024 की मूल समय-सीमा को पूरा करने में चुनौतियों के कारण केंद्र सरकार ने इस मिशन की समय-सीमा को 2028 तक बढ़ा दिया है।
इस गंभीर जिम्मेदारी को समझते हुए राजनांदगांव के कलेक्टर एवं जल जीवन मिशन के अध्यक्ष डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने योजना के तहत कार्यों में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे कार्यों की गहन जांच की। इस दौरान सहायक अभियंताओं ने बताया कि जिले के विभिन्न विकासखंडों में 81 ठेकेदारों ने बिना पूर्व सूचना के कार्य बंद कर दिया है। इनमें राजनांदगांव विकासखंड के 39, डोंगरगांव के 9, डोंगरगढ़ के 17 और छुरिया के 16 ठेकेदार शामिल हैं। कलेक्टर ने इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी 81 ठेकेदारों को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर डॉ. भुरे ने स्पष्ट किया कि यदि ठेकेदारों से संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हुआ, तो उनके अनुबंध निरस्त किए जाएंगे और निविदा में जमा अमानत राशि एवं सुरक्षा निधि को शासन के पक्ष में राजसात कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, ऐसे ठेकेदारों को एक वर्ष के लिए जिले की किसी भी निविदा में भाग लेने से प्रतिबंधित कर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। यह कदम न केवल कार्य में गति लाने के लिए, बल्कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को जनता तक पहुंचाने के लिए भी उठाया गया है।
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जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है। यह योजना न केवल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करती है, बल्कि जल संरक्षण, भूजल पुनर्भरण और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी जोर देती है। छत्तीसगढ़ में इस योजना को गंभीरता से लागू करने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन कटिबद्ध हैं। हालांकि, ठेकेदारों की लापरवाही के कारण प्रगति प्रभावित होने से आम जनता को स्वच्छ पेयजल की सुविधा समय पर नहीं मिल पा रही है, जो सरकार की प्राथमिकता और जन अपेक्षाओं के विपरीत है।
कलेक्टर की इस सख्त कार्रवाई को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है। यह कदम न केवल ठेकेदारों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि डबल इंजन सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। डॉ. भुरे ने कहा, “जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और इसे समय पर पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
बैठक में कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं सदस्य सचिव श्री समीर शर्मा, सहायक अभियंता, उपअभियंता और जिला समन्वयक उपस्थित रहे। इस कार्रवाई से जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।