विश्व शांति दूत डॉ. संग्रामसिंह माली की नई पुस्तक रामायण रहस्य: द पाथ ऑफ आइडियल लिविंग रामायण को आत्मिक जागरण और आधुनिक मनोविज्ञान के समन्वय के रूप में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक रामायण के पात्रों और घटनाओं को प्रतीकात्मक दृष्टिकोण से व्याख्यायित कर पाठकों को आत्म-परिवर्तन, धर्म और जीवन की उच्चतर दिशा की ओर प्रेरित करती है।
महाभारत के प्रतिष्ठित थीम सॉन्ग को संतूर पर नई आत्मा के साथ पेश कर एक उभरते संगीतकार ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। इस भावपूर्ण प्रस्तुति ने न केवल महाभारत की स्मृतियों को ताजा किया, बल्कि सोशल मीडिया पर प्रशंसा की बाढ़ ला दी। संतूर की मधुरता और आत्मीयता ने इस क्लासिक धुन को एक नया आयाम दे दिया।
भारत ने अंतरिक्ष में एक नया अध्याय लिखते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाला पहला भारतीय बना दिया। पीएम नरेंद्र मोदी से भावुक संवाद में शुभांशु ने अंतरिक्ष से भारत को देखने के अनुभव और भारतीय संस्कृति को अंतरिक्ष में ले जाने के प्रयास साझा किए। यह ऐतिहासिक पल न केवल तकनीकी प्रगति का प्रमाण है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के सपनों की उड़ान भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित जैन आचार्य विद्यानंद जी की जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होकर भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी गहरी आस्था का परिचय दिया। समारोह के दौरान उन्होंने जैन आचार्य का अभिवादन करने से पहले जूते उतारकर भारतीय परंपराओं के सम्मान का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया। यह क्षण न केवल आध्यात्मिक श्रद्धा का प्रतीक बना, बल्कि पूरे देश को संस्कृति और नम्रता के संगम की प्रेरणा भी दी।
जैन मुनि आचार्य श्री 108 विद्यानंद जी मुनिराज की जन्म-शताब्दी के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके द्वारा स्थापित अहिंसा, शिक्षा और संस्कृति संरक्षण की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। यह समारोह भारतीय आध्यात्मिक विरासत को विश्व मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।
पुरी रथ यात्रा 2025 में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की दिव्य शोभायात्रा ने लाखों भक्तों को आध्यात्मिक उल्लास से भर दिया। “जय जगन्नाथ” के जयघोष के साथ तीनों रथों को भक्तों द्वारा खींचा गया, जिसमें पारंपरिक रस्मों और सांस्कृतिक प्रदर्शन ने इस उत्सव को और भव्य बना दिया। यह आयोजन प्रभु की कृपा, भक्ति और एकता का प्रतीक बनकर उभरा।