शशि थरूर की कूटनीतिक जीत
Published on: May 31, 2025
By: [BTNI]
Location: Bogota
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर अपनी कूटनीतिक कुशलता का परिचय देते हुए कोलंबिया सरकार को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के प्रति अपनी गलत धारणा को सुधारने के लिए प्रेरित किया। थरूर के नेतृत्व में भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया की यात्रा के दौरान वहां की सरकार को भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता को स्पष्ट किया, जिसके परिणामस्वरूप कोलंबिया ने पाकिस्तान के प्रति अपनी पूर्व की सहानुभूति भरी टिप्पणी को वापस ले लिया और भारत के रुख का समर्थन करने का वादा किया।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। हालांकि, कोलंबिया ने शुरू में पाकिस्तान में हुई मौतों पर शोक व्यक्त करके भारत की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे, जिससे भारत में निराशा थी।

शशि थरूर, जो अपने वाक्पटुता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष रखने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, ने कोलंबिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठकों में भारत के आतंकवाद विरोधी संकल्प को दृढ़ता से प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत का आत्मरक्षा का अधिकार था और इसमें केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। थरूर ने यह भी रेखांकित किया कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल थी, जो उनके आतंकवाद समर्थन का प्रमाण है।
थरूर की सख्त आपत्ति और तथ्यपरक तर्कों के बाद, कोलंबिया ने अपनी गलती स्वीकारी और 31 मई को घोषणा की कि वह अपना पूर्व बयान वापस ले रहा है। कोलंबिया के उप विदेश मंत्री ने थरूर के साथ चर्चा के बाद भारत के प्रति एक नया बयान जारी करने की बात कही, जिसमें पहलगाम हमले के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन व्यक्त किया जाएगा।
बोगोटा में ‘द कोलंबियन काउंसिल ऑन इंटरनेशनल रिलेशंस’ के साथ बातचीत में थरूर ने कहा, “हमारा प्रतिनिधिमंडल भारत की एकजुटता को दर्शाता है। सात सांसद, पांच राजनीतिक दल, सात राज्य और तीन धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हुए, हम एक ही मिशन के लिए एकजुट हैं – आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दुनिया तक पहुंचाना।” उनकी यह बात न केवल भारत की एकता को दर्शाती है, बल्कि उनकी कूटनीतिक सूझबूझ को भी रेखांकित करती है।
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थरूर की इस उपलब्धि की भारत में व्यापक प्रशंसा हो रही है। सोशल मीडिया पर भी उनकी तारीफ हो रही है, जहां लोग उनकी वाक्पटुता और भारत के पक्ष को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता को सराह रहे हैं। एक एक्स पोस्ट में कहा गया, “शशि थरूर ने कोलंबिया को उनकी गलती का एहसास कराकर भारत का मान बढ़ाया।”
थरूर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल अब ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करेगा, जहां वे भारत के आतंकवाद विरोधी संदेश को और मजबूती से प्रस्तुत करेंगे। उनकी इस कूटनीतिक जीत ने न केवल कोलंबिया के रुख को बदला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत किया है।
शशि थरूर ने एक बार फिर साबित किया है कि वह न केवल एक कुशल राजनेता और वक्ता हैं, बल्कि भारत के हितों के लिए वैश्विक मंच पर एक प्रभावी योद्धा भी हैं। उनकी इस उपलब्धि ने भारत की कूटनीति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।