रामनवमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन, 550 करोड़ की लागत से बने इस पुल ने रचा इतिहास
Published on: 15 September, 2025
By: BTNI
Location: Rameshwaram, India
भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का एक जीवंत प्रतीक, नया पंबन ब्रिज, जो देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सागरीय पुल है, ने रामनवमी के शुभ अवसर पर 6 अप्रैल 2025 को अपना उद्घाटन समारोह देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन करते हुए इसे ‘विकास और आस्था का संगम’ करार दिया। यह पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्यभूमि के मंडापम से जोड़ता है, जो न केवल परिवहन क्रांति लाएगा बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के राम सेतु की स्मृतियों को भी जीवंत करेगा।
1914 में निर्मित पुराने पंबन ब्रिज ने दशकों तक सेवा की, लेकिन क्षय और रखरखाव की चुनौतियों के कारण 2020 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा 535 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह 2.08 किलोमीटर लंबा पुल, पुराने ब्रिज के समानांतर बनाया गया है। इसकी सबसे अनूठी विशेषता इसका स्वचालित वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम है, जो पुल के मध्य भाग को 17 मीटर ऊपर उठा सकता है, जिससे बड़े जहाजों को पाल्क जलसंधि से आसानी से गुजरने का रास्ता मिल जाता है। पुल पर ट्रेनें 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी, और समुद्री हवा से बचाव के लिए 22 मीटर ऊंचाई का एयर क्लियरेंस सुनिश्चित किया गया है।
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद ब्रिज का वर्टिकल लिफ्ट तंत्र रिमोट से संचालित किया। उन्होंने रामेश्वरम-तंबारम एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, जो नए पुल पर पहली ट्रेन के रूप में चली। इसके अलावा, उन्होंने तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के रेल और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया। मोदी जी ने कहा, “यह पुल न केवल स्टील और कंक्रीट का चमत्कार है, बल्कि भगवान राम की भक्ति और भारत की प्रगति का प्रतीक है।
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यह रामेश्वरम की तीर्थयात्रियों, व्यापारियों और पर्यटकों के लिए नया द्वार खोलेगा।”यह पुल पर्यावरणीय दृष्टि से भी मजबूत है। इसमें जियो-पॉलीमर कंक्रीट का उपयोग किया गया है, जो पारंपरिक सामग्री से 30 प्रतिशत अधिक टिकाऊ है और कार्बन उत्सर्जन को कम करता है। आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे के विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन सत्यापित यह संरचना, स्पेनिश कंसल्टेंसी टेक्निका वाई प्रॉयेक्टोस एस.ए. के सहयोग से बनी है। निर्माण के दौरान 2025 की शुरुआत में कई परीक्षण चलाए गए, जिसमें पुराने और नए ब्रिज के बास्क्यूल सेक्शन को एक साथ उठाया गया।
नया पंबन ब्रिज न केवल दक्षिण भारत की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि यह रामेश्वरम को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करेगा। रामायण में वर्णित राम सेतु की कथा से जुड़े इस क्षेत्र के लिए यह पुल आस्था और आधुनिकता का अनूठा मेल है। प्रधानमंत्री के इस उद्घाटन ने तमिलनाडु की जनता में उत्साह भर दिया है, और अब लाखों यात्री इस सागरीय चमत्कार पर यात्रा का आनंद लेंगे। यह भारत की ‘विकसित भारत’ संकल्पना का एक और कदम है, जो नवाचार और सांस्कृतिक धरोहर को एक साथ जोड़ता है।