छोटे-मध्यम उद्यमों के लिए कारोबारी सुगमता बढ़ी, सहकारी संघवाद को मिला बल, एकीकृत बाजार की दिशा में ऐतिहासिक कदम
Published on: July 01, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने की आठवीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत की आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाली एक ऐतिहासिक सुधार बताया। अपने X पोस्ट में पीएम मोदी ने जीएसटी को छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए कारोबारी सुगमता बढ़ाने, आर्थिक विकास का इंजन और सहकारी संघवाद को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया। आठ साल पहले 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ जीएसटी भारत के एकीकृत बाजार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
जीएसटी: कारोबारी सुगमता का नया दौर
प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में कहा, “जीएसटी ने अनुपालन के बोझ को कम करके विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए कारोबार करने की सुगमता में उल्लेखनीय सुधार किया है।” जीएसटी ने जटिल कर प्रणाली को सरल बनाकर व्यवसायों को एक पारदर्शी और एकीकृत मंच प्रदान किया। इससे न केवल कर चोरी पर लगाम लगी, बल्कि छोटे उद्यमियों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला। जीएसटी पोर्टल के डिजिटल इंटरफेस ने रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइलिंग और टैक्स भुगतान को आसान बनाया, जिससे कारोबारियों का समय और लागत दोनों कम हुए।

आर्थिक विकास का मजबूत इंजन
पीएम मोदी ने जीएसटी को आर्थिक विकास का एक शक्तिशाली इंजन बताया। जीएसटी ने भारत को एक साझा बाजार के रूप में एकीकृत किया, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही निर्बाध हुई। इसके परिणामस्वरूप, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आई और आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता बढ़ी। आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद से कर संग्रह में लगातार वृद्धि हुई है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत है। 2024-25 में जीएसटी संग्रह ने नए रिकॉर्ड बनाए, जिससे सरकार को बुनियादी ढांचा और सामाजिक योजनाओं में निवेश के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हुए।
सहकारी संघवाद की जीत
जीएसटी ने राज्यों को इस आर्थिक सुधार यात्रा में समान भागीदार बनाकर सहकारी संघवाद को मजबूत किया है। जीएसटी परिषद, जिसमें केंद्र और सभी राज्य शामिल हैं, ने कर दरों और नीतियों पर सहमति बनाकर एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत किया। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में इस बात पर जोर दिया कि “जीएसटी ने राज्यों को समान भागीदार बनाकर भारत के बाजार को एकीकृत करने की यात्रा में सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया।” इससे न केवल राज्यों के बीच नीतिगत सामंजस्य बढ़ा, बल्कि कर राजस्व का उचित वितरण भी सुनिश्चित हुआ।
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सोशल मीडिया पर उत्साह
प्रधानमंत्री के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। X पर यूजर्स ने जीएसटी को भारत की आर्थिक प्रगति का आधार बताते हुए इसकी सराहना की। एक यूजर ने लिखा, “जीएसटी ने भारत को एक बाजार, एक कर की अवधारणा को साकार किया। यह छोटे व्यवसायों के लिए गेम-चेंजर रहा है।” वहीं, कुछ यूजर्स ने जीएसटी की शुरुआती चुनौतियों का जिक्र करते हुए इसे अब एक परिपक्व और प्रभावी प्रणाली बताया।
भविष्य की दिशा
आठ साल बाद भी जीएसटी अपनी प्रासंगिकता और प्रभाव को साबित कर रहा है। सरकार अब जीएसटी 2.0 की दिशा में काम कर रही है, जिसमें कर दरों को और सरल करने, अनुपालन को और आसान बनाने और तकनीकी नवाचारों को शामिल करने की योजना है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी ने भारत को वैश्विक निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया है और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निष्कर्ष
जीएसटी की आठवीं वर्षगांठ भारत की आर्थिक प्रगति और एकता का उत्सव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुआ यह सुधार न केवल कारोबारी सुगमता और आर्थिक विकास का प्रतीक है, बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग का एक अनूठा उदाहरण भी है। जैसे-जैसे भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, जीएसटी इस यात्रा में एक मजबूत स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।