कहा आतंकवादियों ने मृतकों को मारने से पहले धर्म नहीं पूछा
Published on: April 28, 2025
By: [BTI]
Location: Banglore, India
कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर के बयान ने, जिसमें उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में आतंकवादियों ने मृतकों से उनका धर्म नहीं पूछा, ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान को मृतकों के परिजनों और विपक्षी दलों, विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), ने असंवेदनशील और पीड़ितों के दावों का अपमान करने वाला बताया है।
विवाद का सार:मंत्री का बयान:
तिम्मापुर ने 27 अप्रैल 2025 को मीडिया से कहा, “मुझे नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले किसी का धर्म पूछा होगा। वे बस गोली चलाकर चले गए।” उन्होंने इसे धार्मिक मुद्दे के रूप में पेश करने को साजिश करार दिया।
परिजनों और चश्मदीदों का दावा:
पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) में 26 लोगों की हत्या हुई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। कई पीड़ितों के परिजनों और चश्मदीदों ने दावा किया कि आतंकियों ने पहले लोगों से उनका धर्म पूछा और हिंदुओं को निशाना बनाया। उदाहरण के लिए, एक पर्यटक एकता ने बताया कि एक संदिग्ध व्यक्ति ने उनसे धर्म पूछा और कुरान पढ़ने की बात की।
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने तिम्मापुर के बयान को “बर्बर और दुष्ट” करार देते हुए कहा कि यह शोक संतप्त परिवारों और मृतकों के बलिदान का अपमान है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा बताया।
सामाजिक और राजनीतिक माहौल:
सोशल मीडिया पर भी तिम्मापुर के बयान की कड़ी आलोचना हुई, कुछ ने इसे “देशद्रोही” करार दिया। कांग्रेस की ओर से अभी तक इस पर स्पष्ट रुख नहीं आया है, जिससे विवाद और बढ़ा है।
सरकार की तैयारी के लिए सुझाव:
आधिकारिक बयान और माफी: कर्नाटक सरकार को तत्काल एक आधिकारिक बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि तिम्मापुर का बयान गलत संदर्भ में लिया गया, तो उसे स्पष्ट करें। अन्यथा, मंत्री को सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि यह बयान पीड़ितों के प्रति असंवेदनशील माना गया है।
कांग्रेस हाईकमान का हस्तक्षेप: कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने पहले ही हमले में हिंदुओं को निशाना बनाने की निंदा की है। पार्टी को तिम्मापुर के बयान से दूरी बनानी चाहिए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार करना चाहिए, ताकि यह संदेश जाए कि पार्टी पीड़ितों के साथ है।
परिजनों से संवाद:
सरकार को पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिजनों से सीधा संवाद करना चाहिए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले ही श्रम मंत्री संतोष लड को पीड़ितों की सहायता के लिए भेजा था। इस प्रयास को और मजबूत कर परिजनों को भरोसा दिलाना चाहिए कि सरकार उनकी पीड़ा को समझती है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता:
सरकार को आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और कड़ा रुख अपनाते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के बयान भविष्य में न आएं। केंद्र सरकार ने पहले ही हमले में सुरक्षा चूक स्वीकार की है और कड़ी कार्रवाई का वादा किया है। कर्नाटक सरकार को भी इस दिशा में केंद्र के साथ सहयोग का संदेश देना चाहिए।
मीडिया और जनता को संबोधन:
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को स्वयं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखना चाहिए। इससे पहले उनके पाकिस्तान के साथ युद्ध न करने के बयान ने भी विवाद खड़ा किया था, जिसे पाकिस्तानी मीडिया ने अपने पक्ष में दिखाया। स्पष्ट संदेश से ऐसी गलतफहमियों को रोका जा सकता है।
तिम्मापुर का बयान समय और संवेदनशीलता के लिहाज से गलत था, खासकर जब पीड़ितों के परिजनों ने स्पष्ट रूप से आतंकियों द्वारा धर्म पूछे जाने की बात कही। पूरे देश की यह राय है कि सरकार को इस मामले में त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ताकि पीड़ितों के प्रति सम्मान और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसे बयानों से बचने के लिए मंत्रियों को दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
FAQ:
Q1. आरबी तिम्मापुर ने पहलगाम हमले को लेकर क्या बयान दिया?
A1. तिम्मापुर ने कहा कि आतंकवादियों ने मृतकों को मारने से पहले उनका धर्म नहीं पूछा था।
Q2. पीड़ितों और चश्मदीदों का इस बारे में क्या कहना है?
A2. परिजनों और चश्मदीदों का दावा है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं को निशाना बनाया था।
Q3. भाजपा ने तिम्मापुर के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
A3. भाजपा ने तिम्मापुर के बयान को बर्बर और शोक संतप्त परिवारों का अपमान बताया और कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया।
Q4. इस विवाद के बीच सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
A4. सरकार को स्थिति स्पष्ट करने के लिए आधिकारिक बयान देना, मंत्री से माफी मंगवाना और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख अपनाना चाहिए।
Q5. सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर क्या प्रतिक्रिया रही?
A5. सोशल मीडिया पर तिम्मापुर के बयान की व्यापक आलोचना हुई और कई यूजर्स ने इसे देशद्रोही करार दिया।