Published on: May 03, 2025
By: BTI
Location: Lucknow/Raipur, India
उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हलाल प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) वाले उत्पादों पर प्रतिबंध को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफाइड खाद्य पदार्थों, दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर पहले ही रोक लगा दी है, वहीं छत्तीसगढ़ में भी इस तरह के कदम उठाने की चर्चा जोर पकड़ रही है।
*उत्तर प्रदेश में सख्ती*
उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 नवंबर 2023 को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की थी। सरकार का कहना है कि बिना किसी कानूनी अधिकार के कुछ कंपनियां डेयरी, मसाले, नमकीन, कपड़ा और साबुन जैसे उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेशन कर रही थीं, जो नियमों के खिलाफ है। इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली कंपनियों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी। सरकार ने इसे गलत लेबलिंग और मिथ्याछाप का अपराध मानते हुए औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 17 और 18 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है। हालांकि, निर्यात के लिए हलाल उत्पादों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं है।
*छत्तीसगढ़ में भी हलाल सर्टिफिकेशन पर नजर*
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर बहस शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही इस संबंध में कोई बड़ा फैसला ले सकती है। स्थानीय व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच इस मुद्दे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे धार्मिक आधार पर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
*कानूनी और सामाजिक पहलू*
हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं, जहां उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब म उपभोक्ताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुद्दा केवल खाद्य सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी हो सकते हैं।
*आगे क्या?*
उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध के बाद अब सभी की नजर छत्तीसगढ़ सरकार के अगले कदम पर टिकी है। क्या छत्तीसगढ़ भी यूपी की तर्ज पर सख्त नियम लागू करेगा, या इस मुद्दे पर कोई नया दृष्टिकोण अपनाएगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल, यह मुद्दा दोनों राज्यों में गर्मागर्म बहस का विषय बना हुआ है।