रानी की वाव से लेकर ताजमहल तक, जानिए भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के ये अनमोल रत्न
Published on: July 07, 2025
By: [BTNI]
Location: India
भारत, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, और इसके स्थापत्य चमत्कार इस गौरव को और बढ़ाते हैं। हाल ही में एक एक्स पोस्ट में गुजरात के पाटन स्थित रानी की वाव को दुनिया के सबसे बड़े और अलंकृत कुओं में से एक बताया गया। इस प्रेरणा से, हम भारत के 10 सबसे अद्भुत स्थापत्य चमत्कारों की सूची प्रस्तुत कर रहे हैं, जो न केवल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक गाथा को भी जीवंत करते हैं।
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भारत के 10 सबसे शानदार स्थापत्य चमत्कार:
रानी की वाव, पाटन, गुजरात:
11वीं सदी में निर्मित यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल एक सात मंजिला कुआं है, जिसे सोलंकी वंश की रानी उदयमती ने बनवाया था। इसके नक्काशीदार खंभे और 800 से अधिक मूर्तियां इसे एक जीवंत कला संग्रहालय बनाती हैं।
ताजमहल, आगरा, उत्तर प्रदेश:
मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज के लिए बनवाया गया यह संगमरमर का मकबरा प्यार और स्थापत्य कला का प्रतीक है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल है।
खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश:
चंदेल वंश द्वारा निर्मित ये मंदिर अपनी कामुक और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। यूनेस्को विश्व धरोहर, ये मंदिर भारतीय मूर्तिकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा:
13वीं सदी में निर्मित यह मंदिर एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है, जो सूर्य देव को समर्पित है। इसकी जटिल नक्काशी और वास्तुशिल्प इसे यूनेस्को विश्व धरोहर बनाते हैं।
हं pithiviariya मंदिर, कन्याकुमारी, तमिलनाडु:
12वीं सदी का यह मंदिर अपनी अनूठी ड्रविड़ वास्तुकला और विशाल शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है।
एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र:
34 गुफा मंदिरों का यह समूह, जो 6ठी से 10वीं सदी के बीच बनाया गया, हिंदू, बौद्ध और जैन कला का संगम है। कैलास मंदिर (गुफा 16) एक ही पत्थर से तराशा गया है।
बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु:
चोल वंश द्वारा 11वीं सदी में निर्मित यह मंदिर ड्रविड़ वास्तुकला का शानदार नमूना है। इसका विशाल गोपुरम और शिवलिंग इसे विश्व धरोहर बनाते हैं।
हम्पी, कर्नाटक:
विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रहे हम्पी के खंडहर, मंदिर और स्मारक 14वीं-16वीं सदी की वास्तुकला को दर्शाते हैं। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, यह ऐतिहासिक महत्व का खजाना है।
विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता, पश्चिम बंगाल:
ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित यह संगमरमर का स्मारक इंडो-सरैसेनिक शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
जंतर मंतर, जयपुर, राजस्थान:
18वीं सदी में महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित यह खगोलीय वेधशाला स्थापत्य और विज्ञान का अनूठा मेल है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर है।
ये स्थापत्य चमत्कार भारत की विविध संस्कृति, कला और तकनीकी कौशल को दर्शाते हैं। रानी की वाव जैसे अनमोल रत्न न केवल इतिहास को जीवंत करते हैं, बल्कि विश्व को भारतीय वास्तुकला की महानता का परिचय देते हैं। ये स्मारक भारत की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।