सरकार की पुनर्वास नीति और गृह मंत्री विजय शर्मा की सख्त चेतावनी ने निभाई अहम भूमिका
Published on: May 24, 2025
By: BTI
Location: Beejapur, India
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। आज 24 नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 28.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह आत्मसमर्पण बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा क्षेत्र में हुआ, जहां सुरक्षाबल लगातार नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई प्रमुख माओवादी शामिल हैं, जो विभिन्न नक्सली घटनाओं में सक्रिय थे। इनमें से कुछ नक्सली प्रतिबंधित माओवादी संगठन की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) और क्षेत्रीय कमेटियों के सदस्य थे। आत्मसमर्पण करने वालों ने माओवादी विचारधारा से निराशा, आदिवासियों पर अत्याचार, और संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों को आत्मसमर्पण का कारण बताया।
अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्ला नार’ (आपका अच्छा गांव) नीति और पुनर्वास योजना से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। प्रत्येक नक्सली को सरकार की नीति के तहत 25,000 रुपये की प्रारंभिक आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, साथ ही उनके पुनर्वास और रोजगार के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
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इस वर्ष बीजापुर में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में तेजी आई है। पुलिस के अनुसार, 2025 में अब तक जिले में 107 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 82 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है, और 143 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्र सरकार के मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद मुक्त करने के संकल्प के तहत छत्तीसगढ़ में ऐसे अभियान और तेज होने की उम्मीद है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, “यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम नक्सलियों से अपील करते हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।”
यह घटना बीजापुर में नक्सलवाद के कमजोर पड़ने का संकेत देती है, और स्थानीय लोगों में भी शांति और विकास की उम्मीद जाग रही है।
गृह मंत्रो विजय शर्मा ने कहा था –

विशेष उल्लेखनीया है कि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों और आत्मसमर्पण नीतियों के संबंध में कई बार बयान स्पष्ट बयान दिया है और कहा था कि नक्सलियों से बातचीत तब ही संभव है जब वे हथियार छोडे। शर्मा ने आँध्र में बैठे नक्सलियों के आकाओं को स्पष्ट संकेत दिया था कि या तो नक्सली सरेंडर करे या एनकाउंटर के लिए तैयार रहे। विजय शर्मा ने आंध्र में बैठे सफेदपोष व अर्बन नक्सलियों को कहा था कि जब वर्षों से नक्सलीयों ने बस्तर को अशांत कर रखा था तो ये बातचीत की वकालत करने वाले कहां गए थे। आज बीजापुर में हुए 24 नक्सलियों के सरेंडर परा उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री विजय शर्मा की बात प्रासंगिक रही है।
विजय शर्मा ने हाल के बयानों में नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और हिंसा का जवाब हिंसा नहीं हो सकता। उन्होंने असम और तेलंगाना के उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे पूर्व नक्सलियों ने मुख्यधारा में शामिल होकर समाज की सेवा की है, जैसे तेलंगाना की महिला बाल विकास मंत्री डी. अनसूया सीताक्का, जो कभी नक्सली थीं।