244 जिलों में सायरन और ब्लैकआउट
Published on: May 06, 2025
By: BTI
Location: News Delhi, India
भारत सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर देशभर के 244 जिलों में 7 मई को नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) मॉक ड्रिल आयोजित करने का ऐलान किया है। यह 1971 के बाद देश में होने वाली पहली व्यापक मॉक ड्रिल होगी, जिसका उद्देश्य युद्धकालीन आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमलों, से निपटने की तैयारियों को परखना और नागरिकों को प्रशिक्षित करना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, यह मॉक ड्रिल सामरिक और रणनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले 244 जिलों में आयोजित की जाएगी, जिनमें पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के जिले शामिल हैं। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट लागू होगा, और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका मकसद जीवन रक्षा, संपत्ति की हानि को कम करना, और आपात स्थिति में समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।प्रमुख गतिविधियां और तैयारियां
• सायरन और ब्लैकआउट: मॉक ड्रिल के दौरान सभी घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों की बिजली बंद की जाएगी, और सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाएगा। नागरिकों को 5 से 10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का अभ्यास कराया जाएगा।
• सुरक्षा बलों की भूमिका: सिविल डिफेंस, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ जैसी आपदा प्रतिक्रिया टीमें इस अभ्यास में शामिल होंगी। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और निकासी योजनाओं की जांच की जाएगी।
• राज्य-स्तरीय तैयारियां: उत्तर प्रदेश में 19 जिलों, मध्य प्रदेश में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, कटनी, और इंदौर, तथा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मॉक ड्रिल की जाएगी। राजस्थान के 11 शहरों, जैसे जयपुर, जोधपुर, और बीकानेर, में भी तैयारियां जोरों पर हैं।
• गृह मंत्रालय की बैठक: आज दिल्ली में गृह मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों, एनडीआरएफ, होम गार्ड, और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें मॉक ड्रिल के समन्वय और दिशा-निर्देशों पर चर्चा हुई।पंजाब में विशेष सतर्कता
पंजाब, जो पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है, में हाल ही में ISI समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के बाद मॉक ड्रिल को विशेष महत्व दिया जा रहा है। शहीद भगत सिंह नगर में हथियारों का जखीरा बरामद होने के बाद, राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इस अभ्यास को आतंकी खतरों से निपटने की रणनीति के हिस्से के रूप में देख रही हैं।जनता के लिए दिशा-निर्देश
गृह मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं। सायरन सुनते ही लोग स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और निकटतम सुरक्षित स्थान पर पहुंचें। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभ्यास गांव स्तर तक आयोजित होगा ताकि हर स्तर पर जागरूकता और तैयारी सुनिश्चित हो।विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पहलगाम हमले के बाद यह मॉक ड्रिल भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने और नागरिकों में आत्मविश्वास जगाने का प्रयास है। रक्षा विश्लेषक मेजर जनरल (रिटायर्ड) पी.के. साहनी ने कहा, “यह न केवल तकनीकी तैयारी का मामला है, बल्कि जनता को यह भरोसा दिलाने का भी कि देश किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है।”निष्कर्ष
7 मई की मॉक ड्रिल भारत की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को परखने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभ्यास न केवल सिविल डिफेंस की तैयारियों को मजबूत करेगा, बल्कि आम नागरिकों को भी आपात स्थिति में सही कदम उठाने के लिए प्रशिक्षित करेगा। देशभर में इस अभ्यास को लेकर उत्साह के साथ-साथ गंभीरता भी देखी जा रही है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।