तुर्की ने भारत के विरुद्ध पाकिस्तान में अपना युद्धपोत उतारा था
#BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं
Published on: May 14, 2025
By: BTI
Location: New Delhi, India

भारतीयों में अभूतपूर्व राष्ट्रीयता की भावना सामने दिखने लगी है।ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की जनमानस ने भारतीय सेना के शौर्य को लेकर एक विशेष प्रकार का उत्साह देखा जा रहा है। पहलगाम में जिस प्रकार से आतंकवादियों ने पर्यटकों का धर्म पुष्कर उनकी हत्याएं की उनके परिजनों के उनके बच्चों के सामने उनकी हत्याएं की उसके बाद से ही देश में इस विभत्स घटना लेकर जनमानस में काफी रोष है। यह बात अलग है कि विपक्षी दल इस घटना के बाद सरकार के सभी निर्णय में उनके साथ खड़े होने की बात करते हैं लेकिन अपनी हरकतों से उन्होंने केवल और केवल पाकिस्तान के हौसले ही बुलंद किये है।

तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ देशभर में बहिष्कार की मांग ने अब ज़मीनी स्तर पर जोर पकड़ लिया है। राजस्थान और देश के कई अन्य हिस्सों से तुर्की के सेब, ग्रेनाइट और अन्य उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो चुका है। इसके साथ ही, इन देशों के पर्यटन स्थलों के लिए बुक की गई यात्राओं को भी लोग तेजी से रद्द कर रहे हैं, जिससे वहां के पर्यटन उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है। विशेष उल्लेखनीय यह है कि एयर इंडिया सहित टूरिज्म सेवा वाले यात्रा रद्द करने वालों को पूरा रिफंड भी दे रही है।

देश में ऐसा माहौल पहली बार देखा जा रहा है। देश की जनता की यह जागरूकता एवं देश प्रेम का जज्बा उन लोगों की नींद उडा रहा है जो बाहर से देश व सेना के साथ खड़े होने की बात करते हैं और हरकत पाकिस्तान के हौसले बुलंद करने की करते हैं।

विशेष उल्लेखनीय है कि अब लोगो को ज्यादा ज्ञान नहीं देना पड़ता। संचार क्रांति के इस युग में आज आम भारतीय तुर्की की हरकतों पर सीधे सीधे गुर्रा के उसे अहसान फरामोश बताते हुए कहते हैं कि २ साल पहले तुर्की में आए भयंकर विनाश लेकर आए भूकंप के कठिन समय में भारत वह पहला देश था जिसने वहां सबसे पहले अपनी रिस्क्यू टीम भेजा था लेकिन तुर्की ने इसे इतने जल्दी भूला दिया और वह भी एक घोषित आतंकवादी समर्थक व पालक देश के लिए जिसने आतंकवाद की सारी हदें पार कर लिया है।
प्रमुख बदलाव और प्रतिक्रियाएं:
टूरिज्म का रद्द होना: कई प्रमुख ट्रैवल कंपनियों ने बताया है कि हाल के दिनों में तुर्की और अज़रबैजान के लिए बुकिंग्स में भारी गिरावट आई है। लोग अपने पूर्व में की गई बुकिंग्स भी रद्द करवा रहे हैं, जिससे इन देशों के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है।
ग्रेनाइट और सेब का बहिष्कार: राजस्थान, जो ग्रेनाइट उद्योग का प्रमुख केंद्र है, वहां के व्यापारियों ने तुर्की से आयातित ग्रेनाइट का बहिष्कार शुरू कर दिया है। इसी तरह, कई शहरों में तुर्की के सेब की बिक्री में भारी कमी देखी जा रही है।
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सोशल मीडिया पर जागरूकता: #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं, जिसमें लोग अपने गुस्से और देशभक्ति का इज़हार कर रहे हैं।
व्यापारिक संगठनों का समर्थन: व्यापारिक संगठनों ने भी इस बहिष्कार को अपना समर्थन दिया है, और व्यापारियों से इन देशों के उत्पाद न बेचने का आग्रह किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह बहिष्कार जारी रहा, तो तुर्की और अज़रबैजान की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। इस कदम को भारत के नागरिकों का व्यापक समर्थन मिलता दिख रहा है, जो राष्ट्रीय एकता और सम्मान का प्रतीक है।