मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशप्योर का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को सौंपा गया, स्थानीय उत्पादों को मिलेगा नया आयाम
Published on: July 08, 2025
By: BTNI
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित जशप्योर ब्रांड अब एक नई ऊँचाई की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, जिसके तहत जशप्योर का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह कदम जशप्योर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

जशप्योर ब्रांड, जो जशपुर की आदिवासी महिलाओं के समूह द्वारा प्राकृतिक वनोपज और पारंपरिक अनाज जैसे महुआ, रागी, कोदो, और कुटकी से तैयार स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्रियों के लिए जाना जाता है, अब छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकलकर देश और दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। इन उत्पादों की खासियत यह है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक, रसायनमुक्त, और सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध हैं। प्रमुख उत्पादों में महुआ वन्यप्राश, महुआ कुकीज, रागी लड्डू, ढेकी कुटा चावल, और टाऊ पास्ता शामिल हैं, जिन्हें उपभोक्ताओं द्वारा खूब सराहा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आत्मसात करते हुए इस पहल को और मजबूती दी है। हाल ही में रेयर प्लेनेट के साथ हुए एक समझौते के तहत जशप्योर के उत्पाद देश के प्रमुख हवाई अड्डों के स्टोर्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। पहले चरण में पाँच एयरपोर्ट्स पर इन उत्पादों की बिक्री शुरू की जाएगी, जिससे ब्रांड को राष्ट्रीय उपभोक्ताओं तक पहुँचने में मदद मिलेगी। इस एमओयू पर मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन हस्ताक्षर किए, जो स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच पर ले जाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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जशपुर के युवा वैज्ञानिक श्री समर्थ जैन ने बताया कि जशप्योर ने महुआ को केवल पारंपरिक शराब तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे “फॉरेस्ट गोल्ड” या “ग्रीन गोल्ड” के रूप में पुनर्जनन किया है। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से जशप्योर ने साबित कर दिया है कि स्वास्थ्यवर्धक भोजन स्वादिष्ट भी हो सकता है। यह पहल न केवल आदिवासी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को भी विश्व मंच पर ले जा रही है।”
जशप्योर ब्रांड का 90% से अधिक कार्यबल आदिवासी महिलाओं से बना है, जो उत्पादन, प्रसंस्करण, और पैकेजिंग में सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं। यह पहल न केवल रोजगार सृजन कर रही है, बल्कि आदिवासी समुदाय की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जशप्योर ब्रांड की सराहना की है। हाल ही में रायपुर में एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें जशप्योर के उत्पादों से सजी एक परंपरागत टोकरी भेंट की, जिसमें महुआ च्यवनप्राश, रागी लड्डू, और हर्बल सिरप जैसे उत्पाद शामिल थे। श्री चौहान ने कहा, “जशप्योर केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत, और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है।”
इस ऐतिहासिक निर्णय से जशप्योर को न केवल व्यापक उत्पादन और बेहतर मार्केटिंग का अवसर मिलेगा, बल्कि कच्चे माल की माँग में वृद्धि और उन्नत मशीनों के उपयोग से उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। यह छत्तीसगढ़ के स्थानीय उत्पादकों और वनोपज आधारित उद्यमों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा। जशप्योर अब केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता का एक जीवंत प्रतीक बन चुका है।
जशप्योर की नई उड़ान
जशप्योर ब्रांड का यह कदम छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का यह विजन न केवल जशपुर की आदिवासी महिलाओं को सशक्त कर रहा है, बल्कि पूरे देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को एक नई पहचान दे रहा है। जशप्योर का यह सफर ‘लोकल टू ग्लोबल’ की सच्ची मिसाल है।