सरकार की सक्रिय व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं के उत्साह ने केदारनाथ यात्रा को बनाया व्यवस्थित और यादगार, अब तक 3.5 लाख से अधिक भक्त कर चुके हैं दर्शन।
Published on: May 21, 2025
By: BTI
Location: Uttarakhand, India
उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम में इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं का भारी सैलाब देखने को मिल रहा है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों भक्त पहुंच रहे हैं। इस भीड़ को नियंत्रित करने और तीर्थयात्रियों को सुगम व सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं।

लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
रुद्रप्रयाग पुलिस के अनुसार, 18 मई 2025 तक 3,56,561 श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा सुचारू रूप से चल रही है, और श्रद्धालु पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी, और हेलीकॉप्टर के माध्यम से मंदिर पहुंच रहे हैं। टोकन व्यवस्था के जरिए दर्शन को और व्यवस्थित बनाया गया है, जिससे भक्त सुगम और सरल तरीके से बाबा केदार के दर्शन कर पा रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार की तैयारियां
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को निर्बाध, सुचारू, और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यात्रा मार्ग पूरी तरह सुरक्षित हैं, और हेलीकॉप्टर सेवाएं भी सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं। सरकार ने बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया है, जिसे ऑनलाइन या ऑफलाइन (ऋषिकेश और सोनप्रयाग में) कराया जा सकता है। इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in, touristcareuttarakhand ऐप, टोल-फ्री नंबर 01351364, और व्हाट्सएप नंबर 91-8394833833 उपलब्ध हैं।
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यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं। यात्रा मार्ग पर चौड़ी सड़कें, सुरक्षा के लिए तीन-स्तरीय दीवारें, और बेहतर आवास व खानपान की व्यवस्था की गई है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक 14 किलोमीटर के पैदल मार्ग को और सुगम बनाया गया है। इसके अलावा, मौसम की जानकारी और गाइडलाइंस नियमित रूप से जारी की जा रही हैं ताकि यात्रियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
केदारनाथ पुनर्विकास परियोजना
2013 की प्रलयंकारी बाढ़ के बाद केदारनाथ धाम के पुनर्विकास के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चौड़े रास्ते, मजबूत सुरक्षा दीवारें, और बेहतर बुनियादी ढांचे ने यात्रा को और सुरक्षित बनाया है। यह पुनर्विकास न केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि लगभग 2 लाख परिवारों की आजीविका केदारनाथ यात्रा पर निर्भर है।
श्रद्धालुओं का उत्साह
केदारनाथ मंदिर के कपाट 10 मई 2025 को 40 क्विंटल फूलों की पंखुड़ियों से सजाए गए थे, और हर-हर महादेव के जयकारों के बीच खोले गए। मंदिर सुबह 4:00 बजे से रात 8:00 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है। अप्रैल-जून और सितंबर-अक्टूबर के महीने यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।

मुख्यमंत्री का आह्वान
मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं से किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आपके दर्शन को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”
केदारनाथ धाम की यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता को भी दर्शाती है। सरकार और प्रशासन की सजगता के साथ, यह यात्रा हर भक्त के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन रही है।