425 वोटों के साथ एनडीए का पलड़ा भारी, वाईएसआरसीपी और बीजेडी का समर्थन संभावित
Published on: August 18, 2025
By: [BTNI]
Location: New Delhi, India
भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए आगामी चुनाव, जो 9 सितंबर 2025 को होने वाला है, अब केवल एक औपचारिकता माना जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपनी मजबूत स्थिति और गठबंधन की संख्यात्मक शक्ति के साथ बाजी मारने की पूरी तैयारी कर ली है। एनडीए ने महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल और तमिलनाडु के अनुभवी नेता सी.पी. राधाकृष्णन को अपने उम्मीदवार के रूप में घोषित किया है, जिनके उपराष्ट्रपति बनने की संभावना अब लगभग तय मानी जा रही है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी वोट डाल सकते हैं। कुल 782 मतदाताओं के साथ, जीत के लिए 392 वोटों की आवश्यकता है। वर्तमान संसदीय गणित के अनुसार, एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 132 वोटों का समर्थन है, जो कुल 425 वोट बनाता है। यह संख्या जीत के लिए आवश्यक बहुमत से काफी अधिक है। दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) के पास 312 वोट हैं, जबकि अन्य दलों और निर्दलीय सांसदों के पास 45 वोट हैं।
चुनाव की दौड़ में एनडीए की स्थिति को और मजबूत करने की संभावना है, क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और बीजू जनता दल (BJD) जैसे गैर-गठबंधन दलों के एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने की उम्मीद है। ये दल, जो अक्सर महत्वपूर्ण विधायी मुद्दों पर सरकार का साथ देते रहे हैं, राधाकृष्णन की जीत को और आसान बना सकते हैं।
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सी.पी. राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं और तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष हैं, को उनकी राजनीतिक अनुभव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लंबे समय तक जुड़ाव के लिए जाना जाता है। उनकी उम्मीदवारी को तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।विपक्षी गठबंधन इंडिया ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे शशि थरूर जैसे नेताओं पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, एनडीए की संख्यात्मक ताकत के सामने उनकी जीत की संभावना कम नजर आती है। उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता, जिसके कारण सांसद अपनी व्यक्तिगत पसंद के अनुसार वोट डाल सकते हैं। यह स्वतंत्रता एनडीए के लिए क्रॉस-वोटिंग की संभावना को और बढ़ाती है।
चुनाव आयोग ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी की थी, जिसमें नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त और मतदान का समय 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। मतदान नई दिल्ली के संसद भवन में होगा।
जैसा कि देश इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए तैयार हो रहा है, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या एनडीए अपनी संख्यात्मक ताकत और रणनीतिक गठजोड़ के दम पर एक बड़ी जीत हासिल कर पाएगी। सी.पी. राधाकृष्णन की उम्मीदवारी और एनडीए की मजबूत स्थिति यह संकेत दे रही है कि भारत को जल्द ही अपना नया उपराष्ट्रपति मिलने वाला है।