5,451 करोड़ की लागत से 297 किमी लंबी परियोजना से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मिलेगा सीधा लाभ, बढ़ेगी रेल क्षमता
Published on: July 31, 2025
By: [BTNI]
Location: New Delhi, India
भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने आज इटारसी-नागपुर के बीच 297 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरी झंडी दिखाई गई, जिसका अनुमानित खर्च 5,451 करोड़ रुपये है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे रेल नेटवर्क के लिए गेम-चेंजर करार दिया है, जो दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-हावड़ा जैसे हाई डेंसिटी रेल कॉरिडोर के इंटरसेक्शन बिंदु पर क्षमता वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह परियोजना मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम, बैतूल, पांढुर्णा और महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्रों को सीधा लाभ पहुंचाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इटारसी-नागपुर सेक्शन देश के दो सबसे व्यस्त रेल मार्गों—दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-हावड़ा—के चौराहे पर स्थित है। इस चौथी लाइन के निर्माण से रेल नेटवर्क की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे माल और यात्री गाड़ियों की आवाजाही में तेजी आएगी। उन्होंने कहा, “यह परियोजना न केवल रेलवे की दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को भी गति देगी।”
इस परियोजना के कई दीर्घकालिक लाभ भी सामने आए हैं। यह अनुमान है कि यह लाइन हर साल 5.3 करोड़ लीटर डीजल की बचत करेगी और 10 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढोने की क्षमता प्रदान करेगी। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स लागत में भी कमी आएगी, जो उद्योगों और व्यापार के लिए वरदान साबित होगी।
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इसके अलावा, इस परियोजना से 229 लाख मानव-दिवस के बराबर रोजगार सृजन होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।रेल मंत्री ने यह भी बताया कि यह परियोजना 2028-29 तक पूरी होने की उम्मीद है, और इसके पूरा होने पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह परियोजना ‘महाकाल-ओंकारेश्वर से श्रीशैलम-रामेश्वरम’ तक श्रद्धा और विकास को एक ही पथ पर लाने का प्रतीक है।
यह परियोजना भारतीय रेलवे की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जिसमें देश के रेल नेटवर्क को आधुनिक, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे का बजट पिछले 10 वर्षों में कई गुना बढ़ा है, जिससे बुनियादी ढांचे और यात्री सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
इस परियोजना के साथ-साथ, कैबिनेट ने औरंगाबाद-परभणी रेल लाइन दोहरीकरण, अलीउआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन, और डांगोपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन जैसी अन्य रेल परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। इन सभी परियोजनाओं का कुल अनुमानित खर्च 11,169 करोड़ रुपये है।यह मंजूरी न केवल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे न केवल यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार और उद्योगों को भी नई गति मिलेगी। यह परियोजना ‘नई पटरी, नई रफ्तार’ के नारे को साकार करने की दिशा में एक और कदम है।