- एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव निखिल द्विवेदी ने किया स्वास्थ्य विभाग का घेरा
- स्वास्थ्य मंत्री का पुतला दहन
- अस्पताल बंद करने की मांग
Published on: October 28, 2025
By: BTNI
Location: Rajnandgaon, India
ऑपरेशन शुक्ला मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में विगत दिनों गलत इलाज से हुई महिला द्रौपदी साहू की मौत के विरोध में मंगलवार को शहर में जोरदार प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस नेता, पूर्व महापौर प्रत्याशी एवं एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव निखिल द्विवेदी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय का घेराव कर स्वास्थ्य विभाग का पुतला दहन किया।
द्रौपदी साहू के बेटे ने अपनी मां की तस्वीर हाथ में लेकर न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि ऑपरेशन शुक्ला नर्सिंग होम में गलत इलाज के कारण महिला की मौत हुई और अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में मनमानी की खुली छूट मिली हुई है।
निखिल द्विवेदी ने कहा कि “शहर में अस्पतालों ने इलाज को धंधा बना लिया है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों को एनओसी देकर जनता की जान से खिलवाड़ कर रहा है।” उन्होंने शुक्ला मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को तत्काल बंद करने और दोषी डॉक्टरों को जेल भेजने की मांग की। आंदोलन के दौरान पुलिस बल की भारी तैनाती रही। नारेबाजी के बीच माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण भी हुआ।

इस बीच अपने कार्यालय से बाहर निकाल कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्यअधिकारी नेतराम नवरतन पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से काफी देर तक चर्चा की। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निखिल द्विवेदी को पुलिस में दर्ज कार्रवाई रिपोर्ट भी दिखाई।
निखिल द्विवेदी ने कहा कि जब तक मृतका के परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हांलांकि बाद में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई व हास्पिटल पर भी कड़ी कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर आंदोलन को स्थगित किया गया, समाप्त नहीं।
कलेक्टर का घेराव एवं चक्का जाम की चेतावनी
कांग्रेस नेता एवं एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव निखिल द्विवेदी ने कहा कि “जिस समय द्रौपदी साहू की मौत हुई थी उस वक्त हम परिजनों सहित हड़ताल स्थल पहुंचे थे और वहां हंगामा के बीच प्रशासन से जवाब मांगा गया था। उस समय तत्कालीन सीएमएचओ नवरत्न ने सात दिनों के भीतर जांच कर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”

निखिल द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान सीएमओ से जब इस मामले में जवाब मांगा गया तो उन्होंने केवल यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि “ओटी को बंद कर दिया गया है।” इस पर उन्होंने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि “ओटी बंद करना अपने आप में कोई कार्रवाई नहीं है। जब तक निजी अस्पतालों में अव्यवस्था और लापरवाही पर सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर विभाग ने इस मामले में तत्काल ठोस और पारदर्शी कार्रवाई नहीं की तो एनएसयूआई द्वारा जिले में चक्का जाम और बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि “अब यह आंदोलन जिले तक सीमित नहीं रहेगा, जरूरत पड़ी तो राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम किया जाएगा।” निखिल द्विवेदी ने स्वास्थ्य मंत्री पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “इतनी बड़ी घटना के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी नहीं है, यह आश्चर्यजनक है।
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ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री स्वयं इन लापरवाह अधिकारियों और अस्पताल संचालकों को संरक्षण दे रहे हैं। यदि विभाग यूं ही सोया रहा, तो आंदोलन बेहद उग्र रूप लेगा।” उन्होंने कहा कि यह केवल एक पीड़ित महिला का मामला नहीं है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही और जनहित के साथ खिलवाड़ का उदाहरण है।



