आर्थिक सशक्तिकरण से लेकर उद्यमिता तक, योजना ने बदली लाखों महिलाओं की जिंदगी
Published on: July 20, 2025
By: BTNI
Location: Rajnandgaon, India
लखपति दीदी योजना, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ‘बिहान’ के तहत संचालित है, ग्रामीण भारत की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है। इस योजना ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें उद्यमी बनने का अवसर प्रदान कर सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नींव रखी है। राजनांदगांव की कुसुम साहू जैसी महिलाएं इस योजना की सफलता की जीवंत मिसाल हैं।
लखपति दीदी योजना के प्रमुख लाभ:
आर्थिक सशक्तिकरण:
यह योजना स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराती है। उदाहरण के लिए, कुसुम साहू ने 2 लाख रुपये और फिर 2.50 लाख रुपये का ऋण लेकर अगरबत्ती निर्माण और रेडिमेड वस्त्र व्यापार शुरू किया, जिससे उनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये तक पहुंच गई। योजना का लक्ष्य महिलाओं की वार्षिक आय को कम से कम 1 लाख रुपये तक बढ़ाना है।
कौशल विकास और प्रशिक्षण:
योजना के तहत महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे अगरबत्ती निर्माण, सिलाई, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, और खुदरा व्यापार में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह कौशल उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने में सक्षम बनाता है।
बाजार तक पहुंच:
लखपति दीदी योजना महिलाओं को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने में मदद करती है। क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) और अन्य संस्थानों के माध्यम से उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, और विपणन की सुविधा दी जाती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
सामाजिक उत्थान:
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि सामाजिक रूप से भी आत्मविश्वास हासिल कर रही हैं। यह योजना उन्हें निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है, जिससे परिवार और समाज में उनकी भूमिका मजबूत होती है।
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वित्तीय समावेशन:
योजना के तहत महिलाओं को बैंक खातों, क्रेडिट सुविधाओं, और डिजिटल भुगतान प्रणालियों से जोड़ा जाता है। इससे वे वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बनती हैं और अपनी बचत को बढ़ाने में सक्षम होती हैं।
उद्यमिता को बढ़ावा:
लघु और मध्यम उद्यमों को शुरू करने के लिए प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता दी जाती है। कुसुम साहू ने अगरबत्ती निर्माण से शुरूआत की और बाद में रेडिमेड वस्त्र व्यापार में कदम रखा, जो इस योजना के उद्यमिता को बढ़ावा देने के लक्ष्य को दर्शाता है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान:
इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की.