जनता ने उठाई आवाज, लोकतंत्र की रक्षा के लिए मध्य प्रदेश में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन
Published on: September 02, 2025
By: BTNI
Location: Indore, India
मध्य प्रदेश में लोकतंत्र के लिए एक नई जंग शुरू हो चुकी है। ‘वोट चोरी’ के खिलाफ जनता ने सड़कों पर उतरकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और निर्वाचन आयोग (ECI) के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। यह अभूतपूर्व आंदोलन मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों और कस्बों में जोर पकड़ रहा है, जहां लोग खुलकर ‘वोट चोरी’ के आरोपों और कथित चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
यह प्रदर्शन न केवल एक राजनीतिक मुद्दे को उजागर कर रहा है, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जनता की एकजुटता को भी दर्शा रहा है।हाल के दिनों में, मध्य प्रदेश में विपक्षी दलों और आम नागरिकों ने मिलकर ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू किए हैं। लोगों का आरोप है कि मतदाता सूचियों में हेरफेर, डुप्लिकेट वोटरों का पंजीकरण और फर्जी पतों का उपयोग कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत को मजबूत करने और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। नारे, बैनर और रैलियों के माध्यम से जनता निर्वाचन आयोग से डिजिटल मतदाता सूची जारी करने की मांग कर रही है ताकि इसे सार्वजनिक रूप से जांचा जा सके।प्रदर्शनकारियों में न केवल विपक्षी कार्यकर्ता, बल्कि आम नागरिक, युवा और सामाजिक संगठन भी शामिल हैं।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों में लोगों ने सड़कों पर मार्च निकाला और ‘लोकतंत्र बचाओ, वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारा वोट हमारा अधिकार है। इसे छीनने या हेरफेर करने की कोई भी कोशिश लोकतंत्र पर हमला है।” विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है, जिसमें मध्य प्रदेश में मतदाता सूचियों में कथित तौर पर हजारों फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल होने का दावा किया गया है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर निष्पक्षता के साथ कार्य न करने का आरोप लगाया और कहा कि यह मुद्दा केवल मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र के लिए खतरा बन चुका है। हालांकि, BJP ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे विपक्ष की राजनीतिक साजिश करार दिया है।
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पार्टी के प्रवक्ताओं का कहना है कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है और इन आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है। दूसरी ओर, जनता का गुस्सा और सड़कों पर बढ़ता प्रदर्शन इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है। मध्य प्रदेश में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ यह जनांदोलन न केवल एक स्थानीय मुद्दा बनकर रह गया है, बल्कि यह देश भर में लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक प्रेरणा बन रहा है। जैसे-जैसे यह आंदोलन जोर पकड़ रहा है, यह स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश की जनता अपने मताधिकार की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।