महाराष्ट्र के खड़की गाँव में सड़क की गुणवत्ता की जाँच के समय ट्रक के गड्ढे में फंसने और पलटने से इंजीनियर और स्थानीय लोग बाल-बाल बचे
Published on: July 12, 2025
By: [BTNI]
Location: Beed, India
महाराष्ट्र के बीड जिले के वडवानी तालुका में स्थित खड़की गाँव में एक सड़क निरीक्षण के दौरान चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने न केवल सड़कों की खस्ता हालत को उजागर किया, बल्कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को भी हवा दी। एक इंजीनियर और उनकी पूरी टीम सड़क की मरम्मत कार्य की जाँच करने पहुँची थी, जब अचानक एक भारी-भरकम ट्रक सड़क पर गड्ढे में फंस गया और पलट गया।इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लोग “भ्रष्टाचार की जीवंत परीक्षा” बता रहे हैं।
क्या हुआ खड़की गाँव में?
यह घटना बुधवार, 9 जुलाई 2025 को उस समय हुई, जब लोक निर्माण विभाग (PWD) का एक इंजीनियर और उनकी टीम खड़की गाँव में सड़क की स्थिति का निरीक्षण करने पहुँची थी। स्थानीय छात्रों और निवासियों ने लंबे समय से इस सड़क की खराब हालत की शिकायत की थी, विशेष रूप से एक चल रहे पुल निर्माण के कारण वैकल्पिक मार्ग की कमी को लेकर।
छात्रों ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग तक भी उठाया था, जिसके बाद इंजीनियर को साइट का दौरा करने और ठेकेदार को सूचित करने का वादा किया गया था। निरीक्षण के दौरान, जब एक भारी ट्रक सड़क से गुजर रहा था, अचानक सड़क का एक हिस्सा धंस गया, जिसके कारण ट्रक असंतुलित होकर गड्ढे में पलट गया। इस हादसे ने वहाँ मौजूद इंजीनियर, उनकी टीम और कुछ स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा दिया। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, और कुछ ने पास के पुल निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में कूदकर अपनी जान बचाई। सौभाग्य से, इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
भ्रष्टाचार के आरोपों ने पकड़ा जोर
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसे लाखों लोगों ने देखा। निरीक्षण के दौरान, ट्रक सड़क पर फंस गया और पलट गया। यह भ्रष्टाचार की जीवंत परीक्षा है।” कई यूजर्स ने इस घटना को सड़क निर्माण में खराब गुणवत्ता और भ्रष्टाचार का सबूत बताया। एक यूजर ने टिप्पणी की, “PWD और नगर निगमों में भ्रष्टाचार इतना है कि हर इंजीनियर के पास करोड़ों की संपत्ति है।” एक अन्य ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, “हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर हैं।”
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हाल ही में बीड जिले में भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (ACB) ने माजलगाँव नगर परिषद के मुख्य अधिकारी चंद्रकांत चव्हाण को 6 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, जो 2 करोड़ रुपये के सड़क कार्य के बिल को मंजूरी देने के लिए 12 लाख रुपये की माँग कर रहे थे। इस तरह की घटनाएँ क्षेत्र में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को दर्शाती हैं।
सड़क की स्थिति और स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय निवासियों और छात्रों ने लंबे समय से इस सड़क की खराब स्थिति की शिकायत की थी। भारी बारिश और कीचड़ के कारण सड़क पर गड्ढे बन गए थे, जिससे यह भारी वाहनों के लिए असुरक्षित हो गई थी। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि सड़क की सतह असमान थी और मिट्टी के कारण फिसलन भरी थी, जिसके कारण ट्रक का संतुलन बिगड़ा।
स्थानीय लोगों ने वैकल्पिक मार्ग की माँग की थी, क्योंकि चल रहे पुल निर्माण ने मौजूदा सड़क को और भी खतरनाक बना दिया था। इस घटना ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे की स्थिति और सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सड़क निर्माण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएँ निर्माण में खराब सामग्री और अपर्याप्त निगरानी का परिणाम हो सकती हैं। कुछ यूजर्स ने तर्क दिया कि यह घटना भ्रष्टाचार से अधिक एक वैज्ञानिक कारण हो सकता है, क्योंकि सड़क के दोनों ओर खोदे गए गड्ढों और भारी ट्रक के वजन ने स्थिति को और खराब किया। फिर भी, इस हादसे ने सड़क निर्माण में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
निष्कर्ष और भविष्य के कदम
यह घटना न केवल बीड जिले की सड़कों की खराब स्थिति को उजागर करती है, बल्कि पूरे देश में सड़क निर्माण और रखरखाव में गुणवत्ता की कमी और भ्रष्टाचार के मुद्दों को भी सामने लाती है। स्थानीय निवासियों ने माँग की है कि इस घटना की जाँच हो और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, वैकल्पिक मार्ग और बेहतर सड़क निर्माण की माँग भी तेज हो गई है।