अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर मध्यप्रदेश की बाघ संरक्षण में उपलब्धियां उजागर, मुख्यमंत्री ने बाघ को बताया राज्य का गौरव
Published on: July 30, 2025
By: BTNI
Location: Bhopal, India
मध्यप्रदेश, जिसे भारत का ‘टाइगर स्टेट’ कहा जाता है, ने एक बार फिर अपनी इस पहचान को गर्व के साथ उजागर किया है। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाघ को मध्यप्रदेश की शान और पहचान बताते हुए राज्य के बाघ संरक्षण प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “बाघ है मध्यप्रदेश की पहचान, बाघ है मध्यप्रदेश की शान,” जिससे राज्य की वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता और मजबूत हुई।
मध्यप्रदेश: बाघों का गढ़
मध्यप्रदेश लंबे समय से बाघ संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। कन्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना जैसे राष्ट्रीय उद्यानों ने न केवल बाघों की संख्या में वृद्धि की है, बल्कि विश्व स्तर पर वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बने हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो राज्य के संरक्षण मॉडल की सफलता को दर्शाता है। इन अभयारण्यों में न केवल बाघों का संरक्षण हो रहा है, बल्कि जैव-विविधता और पर्यावरण संतुलन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाघ संरक्षण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि बाघ न केवल मध्यप्रदेश की प्राकृतिक धरोहर है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और पर्यटकीय पहचान का भी प्रतीक है। उन्होंने वन विभाग, स्थानीय समुदायों और संरक्षणवादियों की सराहना की, जिनके सामूहिक प्रयासों से बाघों की सुरक्षा और उनके आवास का संरक्षण संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि बाघों की बढ़ती संख्या पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।
संरक्षण में मध्यप्रदेश का योगदान
मध्यप्रदेश ने बाघ संरक्षण के लिए कई नवाचारी कदम उठाए हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी को शून्य से पुनर्जनन तक ले जाना एक वैश्विक मिसाल है। इसके अलावा, बाघों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर, अवैध शिकार पर नियंत्रण और स्थानीय समुदायों को संरक्षण में शामिल करना राज्य की कुछ प्रमुख पहलें हैं। इन प्रयासों ने न केवल बाघों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि वन्यजीवों और मानव के बीच सह-अस्तित्व को भी मजबूत किया है।
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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस, जो हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है, बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। मध्यप्रदेश ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय समुदायों में बाघों के महत्व और उनके संरक्षण पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने इन आयोजनों के माध्यम से युवाओं से अपील की कि वे प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
भविष्य की योजनाएं
मध्यप्रदेश सरकार ने बाघ संरक्षण को और मजबूत करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। इनमें वन क्षेत्रों का विस्तार, बाघों के लिए बेहतर आवास प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों का उपयोग शामिल है। इसके साथ ही, पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष: मध्यप्रदेश का ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा केवल एक उपाधि नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत, समर्पण और संरक्षण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह संदेश कि “बाघ है मध्यप्रदेश की शान” न केवल राज्य के गौरव को दर्शाता है, बल्कि देश और दुनिया को बाघ संरक्षण के लिए प्रेरित भी करता है। मध्यप्रदेश का यह प्रयास निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, हरा-भरा और जैव-विविधता से परिपूर्ण भविष्य सुनिश्चित करेगा।