हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को ₹300 करोड़ का भुगतान, अब ग्वालियर और रतलाम की मिलों का समाधान भी निकलेगा
Published on: July 09, 2025
By: [BTNI]
Location: Indore, India
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि जब कोई मिल या कारखाना बंद हो जाता है और श्रमिकों का भुगतान लंबित हो जाता है, तब सरकार को केवल दर्शक नहीं, संबल बनकर खड़ा होना चाहिए।
इसी भावना के साथ, इंदौर की वर्षों से बंद हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को ₹300 करोड़ का लंबित भुगतान कराया गया। यह फैसला न केवल श्रमिकों के हक की जीत है, बल्कि राज्य सरकार की संवेदनशील और सक्रिय सोच का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब ग्वालियर और रतलाम की बंद मिलों का मामला भी सरकार की प्राथमिकता में है और उसे सुलझाने की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान:
“हमारी सरकार केवल योजनाएं नहीं बनाती, ज़मीनी स्तर पर समाधान देती है। श्रमिकों को उनका हक देना हमारा कर्तव्य है।”
🔹 मुख्य बातें:
हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को 300 करोड़ का भुगतान
वर्षों से लंबित मामला हुआ समाधान
अब ग्वालियर और रतलाम की बंद मिलों पर भी होगी कार्यवाही
श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा और सम्मान दोनों
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को बताया ‘विकास की रीढ़’
यह कदम न केवल श्रमिकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सरकार संकट में साथ खड़ी है।