नई गाइडलाइन: शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी
Published on: May 27, 2025
By: BTNI
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ में शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके अनुसार राज्य में दो वर्षीय बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस नीति के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 से नए बीएड कॉलेजों को मान्यता नहीं दी जाएगी, और मौजूदा कॉलेजों में चल रहे दो वर्षीय बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों को 2030 तक पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था और बदलाव
नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब दो वर्षीय बीएड और डीएलएड के स्थान पर चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) जैसे बीए-बीएड, बीएससी-बीएड, और बीकॉम-बीएड को बढ़ावा दिया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण को अधिक समग्र और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। जिन कॉलेजों में पहले से दो वर्षीय बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रम चल रहे हैं, उन्हें अगले पांच वर्षों में या तो इन पाठ्यक्रमों को बंद करना होगा या उन्हें चार वर्षीय एकीकृत कोर्स में परिवर्तित करना होगा।
कॉलेजों और छात्रों पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ में सैकड़ों बीएड कॉलेज इस निर्णय से प्रभावित होंगे। विशेष रूप से छोटे और निजी कॉलेज, जो केवल बीएड पाठ्यक्रम संचालित करते हैं, आर्थिक संकट का सामना कर सकते हैं। NCTE की नई नीति के तहत, अब केवल मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेजों को ही बीएड कोर्स संचालित करने की अनुमति होगी, जहां अन्य डिग्री कोर्स जैसे बीए, बीएससी, और बीकॉम भी उपलब्ध हों।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले ने भी प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ में 6,285 बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएँ समाप्त हो सकती हैं। इस फैसले ने शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे छात्रों और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों में चिंता पैदा कर दी है।
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प्रतिक्रियाएँ और चिंताएँ
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस निर्णय को “हृदय विदारक” बताते हुए कहा कि यह न केवल हजारों शिक्षित युवाओं को बेरोजगार करेगा, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। दूसरी ओर, शिक्षा विभाग का कहना है कि यह बदलाव NEP 2020 के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक है।
शिक्षाविदों का मानना है कि एकीकृत पाठ्यक्रम शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, लेकिन छोटे कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कई कॉलेज संगठनों ने इस नीति का विरोध करने की चेतावनी दी है, और भविष्य में आंदोलन की संभावना जताई है।
आगे की राह
NCTE ने यह भी घोषणा की है कि 2025 से एक वर्षीय बीएड कोर्स को फिर से शुरू किया जाएगा, जो उन छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री पूरी की है। यह कदम समय और लागत की बचत के लिए उठाया गया है, लेकिन इसके लिए नए नियम और दिशानिर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना और शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप तैयार करना है। हालांकि, इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कॉलेजों और छात्रों को समुचित मार्गदर्शन और संसाधनों की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष
नई गाइडलाइंस छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर सकती हैं, लेकिन इसके साथ ही कॉलेज प्रबंधनों, शिक्षकों, और छात्रों के लिए कई चुनौतियाँ भी सामने आएंगी। सरकार और NCTE को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह परिवर्तन समावेशी और सुचारू रूप से लागू हो, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ किसी भी वर्ग को नुकसान न हो।