दूषित पानी और खराब स्वच्छता के कारण बढ़ रहे मामले, जानें बचाव के उपाय
Published on: June 13, 2025
By: BTNI
Location: Kerla, India
केरल, जो पहले ही कोविड-19 महामारी का सामना कर चुका है, अब एक नई स्वास्थ्य चुनौती से जूझ रहा है। राज्य में हेपेटाइटिस-ए के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, खासकर मलप्पुरम, कोझिकोड, त्रिशूर और एर्नाकुलम जैसे जिलों में। 2024 में, 29 अक्टूबर तक, राज्य में 6,123 पुष्ट मामले और 61 मौतें दर्ज की गईं, जो 2023 में 1,073 मामलों और सात मौतों की तुलना में पांच गुना अधिक है। यह प्रकोप सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
हेपेटाइटिस-ए क्या है?
हेपेटाइटिस-ए एक वायरल संक्रमण है जो हेपेटाइटिस-ए वायरस (एचएवी) के कारण होता है और लीवर में सूजन पैदा करता है। यह बीमारी मुख्य रूप से दूषित भोजन या पानी के सेवन या किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से फैलती है। यह फेकल-ओरल रूट के माध्यम से फैलता है, यानी वायरस मल के माध्यम से पानी या भोजन में मिल जाता है।
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लक्षण
हेपेटाइटिस-ए के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 15 से 60 दिन बाद दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:
पीलिया (Jaundice): आंखों और त्वचा का पीला पड़ना।
पेट में दर्द: विशेष रूप से दाहिनी ओर ऊपरी हिस्से में।
थकान और कमजोरी: लगातार थकान और सुस्ती।
मतली और उल्टी: भूख न लगना और उल्टी की समस्या।
बुखार: हल्का बुखार और शरीर में दर्द।
मल और मूत्र में बदलाव: गहरे रंग का मूत्र और हल्के रंग का मल।
दस्त: कुछ मामलों में दस्त की शिकायत।
ये लक्षण आमतौर पर कुछ हफ्तों से लेकर दो महीने तक रह सकते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में छह महीने तक भी रह सकते हैं।
कारण
केरल में हेपेटाइटिस-ए के प्रकोप के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
दूषित पानी: गर्मियों और मानसून के दौरान अनुपचारित या कम क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग, विशेष रूप से जब सीवेज सिस्टम पानी की आपूर्ति के साथ मिल जाता है।
खराब स्वच्छता: खुले में शौच, अपर्याप्त सीवेज ट्रीटमेंट, और अस्वच्छ तरीके से भोजन तैयार करना।
वयस्कों में कमजोर प्रतिरक्षा: केरल में बेहतर स्वच्छता के कारण बचपन में एचएवी से प्रतिरक्षा विकसित नहीं हो पाती, जिससे वयस्कों में गंभीर लक्षण विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
मौसमी प्रभाव: मानसून और गर्मियों में पानी की कमी के कारण दूषित पानी का उपयोग बढ़ जाता है।
प्रकोप का प्रभाव
केरल में इस साल के प्रकोप ने विशेष रूप से वयस्कों को प्रभावित किया है, जो पहले से मौजूद लीवर की समस्याओं, मधुमेह या शराब की लत जैसे रोगों के कारण अधिक जोखिम में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी आमतौर पर बच्चों में हल्की होती है, लेकिन वयस्कों में गंभीर हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी लीवर फेल हो सकता है।
बचाव के उपाय
हेपेटाइटिस-ए से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
टीकाकरण: हेपेटाइटिस-ए का टीका बच्चों और जोखिम वाले वयस्कों के लिए प्रभावी है। यह दो खुराकों में दिया जाता है।
स्वच्छ पानी: हमेशा उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी पिएं।
हाथ की स्वच्छता: खाना खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं।
खाद्य स्वच्छता: स्ट्रीट फूड, कच्चे फल, और बर्फ से बने पेय से बचें।
सीवेज प्रबंधन: उचित सीवेज ट्रीटमेंट और पानी की आपूर्ति की नियमित क्लोरीनेशन जरूरी है।
जागरूकता: लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और स्व-चिकित्सा से बचें।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य चुनौती है, जिसके पीछे दूषित पानी और खराब स्वच्छता प्रमुख कारण हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में पानी की क्लोरीनेशन, रेस्तरां निरीक्षण और जागरूकता अभियान जैसे कदम उठाए हैं। व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर स्वच्छता और टीकाकरण पर ध्यान देकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।