तुलसी और मिहिर की कहानी का भावुक अंत, जिसने बनाया था भारतीय टीवी का इतिहास
Published on: July 22, 2025
By: [BTNI]
Location: Mumbai, India
25 साल पहले, 6 नवंबर 2008 को, भारतीय टेलीविजन के सबसे प्रतिष्ठित धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी का आखिरी एपिसोड प्रसारित हुआ था। यह शो, जो 3 जुलाई 2000 को शुरू हुआ, ने 1833 एपिसोड्स के साथ लाखों दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई। आइए, उस आखिरी एपिसोड की कहानी को फिर से जीवें, जिसने न केवल विरानी परिवार की कहानी को समेटा, बल्कि भारतीय टेलीविजन को हमेशा के लिए बदल दिया।
आखिरी एपिसोड का सार
आखिरी एपिसोड में कहानी तुलसी विरानी (स्मृति ईरानी) और मिहिर विरानी (अमर उपाध्याय) के इर्द-गिर्द घूमती है। इस एपिसोड में मिहिर अचानक लापता हो जाता है, जिससे तुलसी और पूरा परिवार चिंतित हो उठता है। सुगंधा (जो तुलसी की मदद करती है) को तुलसी गलतफहमी में डांट देती है, क्योंकि उसे लगता है कि सुगंधा ने मिहिर को उसके जन्मदिन के लिए सरप्राइज प्लान करने की बात बताई। बाद में पता चलता है कि मिहिर तुलसी के लिए एक खास तोहफा, एक लाल रंग की थाली, लाने गया था, जो उनके प्यार का प्रतीक थी।
मिहिर की वापसी पर तुलसी की आंखों में खुशी और राहत साफ झलकती है।इसके साथ ही, एपिसोड में बा (सुधा शिवपुरी) की वसीयत को लेकर तनाव भी दिखाया गया। करण, साहिल और गौतम वसीयत को लेकर बहस करते हैं, जब सुगंधा को पता चलता है कि सारी संपत्ति पार्थ के नाम है। तुलसी को एक पत्र मिलता है, जिसमें उसे पार्थ को खोजने के लिए किसी से मिलने को कहा जाता है। कहानी तब और दिलचस्प हो जाती है, जब तुलसी कहानी घर घर की की पार्वती से मिलती है, जो बताती है कि उसने पार्थ को पाला है। यह क्रॉसओवर उस समय दर्शकों के लिए एक बड़ा सरप्राइज था।
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भावनात्मक समापन
आखिरी एपिसोड में तुलसी का किरदार एक बार फिर परिवार को एकजुट करने की कोशिश करता है। मिहिर और तुलसी के बीच का प्यार, परिवार के आपसी मतभेद, और वसीयत का रहस्य इस एपिसोड को भावनात्मक और नाटकीय बनाता है। हालांकि, कई दर्शकों को यह समापन थोड़ा जल्दबाजी में लगा, क्योंकि शो को स्टार प्लस और बालाजी टेलीफिल्म्स के बीच कानूनी विवाद के कारण अचानक खत्म करना पड़ा। फिर भी, तुलसी और मिहिर की जोड़ी ने दर्शकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी।
क्यों खास था यह शो?
क्योंकि सास भी कभी बहू थी ने भारतीय टेलीविजन को नया आयाम दिया। इसने न केवल पारिवारिक ड्रामा को लोकप्रिय बनाया, बल्कि तुलसी जैसे मजबूत महिला किरदार को घर-घर तक पहुंचाया। शो ने अपने चरम पर 22.4 की टीआरपी हासिल की थी, जो उस समय एक रिकॉर्ड था। 25 साल बाद भी, इस शो की वापसी की घोषणा (क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2, 29 जुलाई 2025 से स्टार प्लस पर) ने प्रशंसकों में उत्साह जगा दिया है।
नए सीजन का इंतज़ार
25 साल बाद, स्मृति ईरानी और अमर उपाध्याय एक बार फिर तुलसी और मिहिर के किरदार में लौट रहे हैं। नया सीजन 10-20 एपिसोड्स का छोटा लेकिन प्रभावशाली होगा, जो आधुनिक कहानी कहने की शैली को अपनाएगा। पुराने एपिसोड्स को जियोसिनेमा पर देखा जा सकता है, जहां प्रशंसक अपनी पुरानी यादों को ताज़ा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
क्योंकि सास भी कभी बहू थी का आखिरी एपिसोड न केवल एक धारावाहिक का अंत था, बल्कि एक युग का समापन था। तुलसी और मिहिर की कहानी ने लाखों दिलों को छुआ, और 25 साल बाद भी यह शो उतना ही प्रासंगिक है। जैसे कि तुलसी ने कहा था, “रिश्तों के भी रूप बदलते हैं,” लेकिन इस शो का जादू कभी नहीं बदला।